हादसे के तुरंत बाद प्रशासन हरकत में आया और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। घायलों को नजदीकी सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, घायलों में कई महिलाएं शामिल हैं और मृतकों में भी अधिकांश महिलाएं ही बताई जा रही हैं। मंदिर परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि स्थिति को काबू में रखा जा सके। स्थानीय लोगों के अनुसार, हर वर्ष एकादशी पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार प्रबंधन की चूक के कारण हालात तेजी से बिगड़ गए और भीड़ नियंत्रण पूरी तरह विफल हो गया। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि सुरक्षा व्यवस्था में किस स्तर पर लापरवाही हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ की खबर बेहद व्यथित करने वाली है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि सरकार इस कठिन घड़ी में उनके साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। पीएम मोदी ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।
राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वेंकटेश्वर मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर इस प्रकार की दुखद घटना होना बेहद पीड़ादायक है, और यह उन्हें व्यक्तिगत रूप से भी आहत कर गया है। सीएम ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस घटना से बेहद दुखी हैं और पीड़ित परिवारों के साथ उनकी भावनाएँ जुड़ी हुई हैं।
मुख्यमंत्री नायडू ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की कमी न रहने पाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को स्थल का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हर घायल को उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए और किसी को भी किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके साथ ही उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों का पालन करें।
केंद्रीय मंत्री नारा लोकेंश ने भी घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि एकादशी के दिन इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना आम बात है, लेकिन इस तरह की त्रासदी का होना बेहद दुखद है। उन्होंने प्रशासनिक टीम से बात की है और पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। लोकेंश ने कहा कि सरकार घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
काशीबुग्गा का वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर आंध्र प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर सुरक्षा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण की गंभीर चुनौती को सामने ला दिया है। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं और यह उम्मीद की जा रही है कि जांच से स्पष्ट होगा कि चूक किस स्तर पर हुई और ऐसी घटनाओं को भविष्य में कैसे रोका जा सकता है। इस त्रासदी ने कई परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है और पूरा प्रदेश दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ा है।