अर्थ-2025: पर्यावरण, स्वास्थ्य और सतत विकास पर अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन | IITR लखनऊ
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जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और मानव स्वास्थ्य पर वैश्विक विशेषज्ञों का मंथन — विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति के संगम से सतत समाधान की दिशा में कदम।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति के एकीकृत समाधान पर फोकस
22 अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक और नीति-निर्माता होंगे शामिल
अर्थ-2025 सम्मेलन में पर्यावरण और स्वास्थ्य पर वैश्विक चर्चा
लखनऊ/ जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण प्रदूषण के जहर का असर हम सब की सेहत पर पड़ रहा है। जल, जमीन और हवा में फैल रहे जहर से निपटने के विजन पर राजधानी स्थित भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) 12 से 15 नवंबर के बीच अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन ‘अर्थ-2025’ कर रहा है।
चार दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में अमेरिका और यूरोप समेत कई देशों के लगभग 22 दिग्गज वैज्ञानिक, शिक्षाविद, नीति-निर्माता और उद्योग विशेषज्ञ जुटेंगे। उद्देश्य है... पर्यावरणीय विषाक्तता, मानव स्वास्थ्य और तकनीकी नवाचारों के बीच की खाई को पाटते हुए समाधान की नई दिशा तय करना।
यह आयोजन विषविज्ञान, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और सतत विकास पर केंद्रित रहेगा। पहले दिन उद्घाटन समारोह में अमेरिका के प्रो. बिकाश आर. पटनायक मुख्य वक्ता होंगे। सत्र की अध्यक्षता कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार और राष्ट्रीय अंतर्विषयी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम के निदेशक डॉ. सी आनंदरामकृष्णन करेंगे।
आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने बताया कि अर्थ-2025 का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति को जोड़ते हुए स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एकीकृत समाधान तैयार करना है।