Blue Origin New Glenn Launch: NASA Escapade Mission Successful from Florida
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NASA Escapade mission update
न्यू ग्लेन रॉकेट ने नासा के एस्केपेड मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया.
मंगल के वातावरण और सौर हवाओं के अध्ययन के लिए दो सैटेलाइट रवाना.
ब्लू ओरिजिन की स्पेस मिशनों में विश्वसनीयता और प्रतिस्पर्धा बढ़ी.
Florida / फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से आज एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब अरबपति जेफ बेजोस की अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन ने अपने विशाल न्यू ग्लेन रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। करीब 32 मंजिला ऊँचा यह दो-चरणीय रॉकेट ब्लू ओरिजिन के अब तक के सबसे बड़े और सबसे महत्वाकांक्षी मिशनों में से एक माना जा रहा है। कंपनी ने न्यू ग्लेन का पहला परीक्षण जनवरी में किया था, लेकिन मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण असली ग्राहक मिशन का इंतजार लंबा खिंच गया। आज का दिन ब्लू ओरिजिन के लिए न सिर्फ तकनीकी सफलता बल्कि प्रतिष्ठा का भी पल साबित हुआ।
यह मिशन खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि न्यू ग्लेन नासा के एस्केपेड मिशन को लेकर अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ। इस मिशन के तहत दो छोटे सैटेलाइट—ब्लू और गोल्ड—मंगल ग्रह की कक्षा में भेजे जा रहे हैं। इन सैटेलाइट्स को लॉन्च के लगभग 30 मिनट बाद अपने 22 महीने के लंबे सफर पर निकलना था। इनके साथ वायसैट का एक तकनीकी पेलोड भी शामिल है, जो पृथ्वी के ऊपर संचार प्रणाली का परीक्षण करेगा। इन सैटेलाइट्स का निर्माण रॉकेट लैब ने किया है और इनमें मौजूद वैज्ञानिक उपकरण यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले द्वारा तैयार किए गए हैं।
एस्केपेड मिशन का मकसद बेहद रोचक और वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह मिशन बताएगा कि सूर्य से आने वाली सौर हवाएं मंगल ग्रह के पतले वातावरण और उसके कमजोर चुंबकीय क्षेत्र पर कैसे असर डालती हैं। मंगल का वातावरण पृथ्वी की तुलना में बेहद पतला है और उसका चुंबकीय क्षेत्र भी काफी कमजोर माना जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर हवाओं का प्रभाव मंगल के वातावरण को बदलने में प्रमुख भूमिका निभाता है। यदि इसे बेहतर तरीके से समझ लिया जाए, तो भविष्य में मंगल पर मानव भेजने की तैयारी अधिक सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से मजबूत हो सकेगी। दोनों सैटेलाइट लगभग 11 महीने तक मंगल के अंतरिक्ष मौसम और सौर गतिविधियों का अध्ययन करेंगे। इस दौरान वे ऐसे डेटा भेजेंगे, जिसे पढ़कर वैज्ञानिक मंगल के वातावरण के विकास, उसके वर्तमान हालात और भविष्य की संभावनाओं को और गहराई से समझ पाएंगे।
इस मिशन के जरिए ब्लू ओरिजिन ने खुद को दोबारा अंतरिक्ष उद्योग की गंभीर प्रतिस्पर्धा में स्थापित करने का प्रयास किया है। पिछले कई वर्षों से स्पेस-X इस क्षेत्र में सबसे आगे रहा है, चाहे बात भारी रॉकेटों की हो, पुन: उपयोग किए जाने वाले बूस्टरों की या बड़े वैज्ञानिक मिशनों की। ब्लू ओरिजिन की चुनौतियाँ कम नहीं थीं, लेकिन कंपनी लगातार प्रयास कर रही है कि वह इस दौड़ में पीछे न रह जाए। न्यू ग्लेन जैसे भारी रॉकेट पर कंपनी ने अरबों डॉलर खर्च किए हैं, और यह लॉन्च उनका अब तक का सबसे मजबूत प्रदर्शन माना जा रहा है।
ब्लू ओरिजिन नासा के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रही है—चंद्र लैंडर, BE-4 इंजन सप्लाई और भविष्य के अंतरिक्ष स्टेशनों की योजनाएँ उनमें शामिल हैं। ऐसे में न्यू ग्लेन का सफल मिशन न सिर्फ कंपनी की तकनीकी क्षमता को साबित करता है, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान में उसकी विश्वसनीयता भी बढ़ाता है। हालांकि स्पेस-X अभी भी काफी आगे है, लेकिन आज का लॉन्च यह दिखाता है कि ब्लू ओरिजिन अब तेज़ी से अपने कदम बढ़ा रहा है और आने वाले समय में अंतरिक्ष अनुसंधान और व्यावसायिक अंतरिक्ष उड़ानों में उसका योगदान और मजबूत हो सकता है।
आज का दिन अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है, और ब्लू ओरिजिन के लिए यह शुरुआत है—उस भविष्य की ओर जिसमें वह दुनिया के अग्रणी अंतरिक्ष संगठनों की कतार में मजबूती से अपनी जगह बना सके।