तिरुपति मंदिर ने मिलावटी घी विवाद के बाद अब चावल की गुणवत्ता पर सख्ती बढ़ाई
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गुणवत्ता में कमी होने पर पूरा ट्रक रिजेक्ट किया जाएगा
सेवकों की फीडबैक प्रणाली से अन्नप्रसादम की गुणवत्ता पर नज़र
TTD ने चावल की गुणवत्ता जांच के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू किए
Andhra Pradesh/ आंध्र प्रदेश के तिरुपति ज़िले स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर (तिरुमला) में प्रतिदिन लाखों भक्तों के लिए बनने वाले अन्नप्रसादम में उपयोग होने वाले चावल की गुणवत्ता को लेकर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) अब सख्त हो गया है। मंदिर के प्रसिद्ध लड्डुओं में इस्तेमाल होने वाले घी में भारी मिलावट के हालिया विवाद के बाद यह फैसला लिया गया है।
घी घोटाले के बाद बढ़ी सतर्कता
पिछले सप्ताह सीबीआई ने घी मिलावट मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के मुताबिक, 2019 से 2024 के बीच मंदिर को 60 लाख किलोग्राम मिलावटी घी सप्लाई किया गया, जिसकी कीमत ₹250.80 करोड़ है। इसी घटना के बाद अब चावल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
TTD का नया निर्देश: गुणवत्ता जांच में फेल हुआ तो पूरा ट्रक लौटा देंगे
गुरुवार को TTD ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राइस मिलर्स एसोसिएशन को एक सलाह जारी की। इसमें कहा गया कि:
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चावल की सख्त गुणवत्ता जांच की जाएगी
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अगर सैंपल टेस्ट में फेल हुआ तो पूरा ट्रक रिजेक्ट कर दिया जाएगा
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हर मिलर को मासिक सप्लाई शेड्यूल और चावल की किस्म की जानकारी पहले से देनी होगी
उच्च गुणवत्ता वाला चावल ही भेजें: TTD अफसर
TTD के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी सी. वेंकैय्या चौधरी ने दोनों राज्यों के राइस मिलर्स के साथ तिरुमला स्थित श्री पद्मावती रेस्ट हाउस के कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठक की। उन्होंने कहा:
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मंदिर में बन रहे अन्नप्रसादम के लिए उच्च गुणवत्ता का चावल ही स्वीकार किया जाएगा
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चावल की स्वाद और गुणवत्ता की जांच के बाद ही उसे श्रद्धालुओं को परोसा जाएगा
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TTD अधिकारी हर महीने मिलर्स के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे
हर दिन 20,000 किलोग्राम चावल की खपत
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तिरुमला, तिरुचानूर और अन्य मंदिरों में प्रतिदिन 20,000 किलो चावल अन्नप्रसादम निर्माण में उपयोग होता है।
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लगभग 60% चावल मिलर्स आंध्र प्रदेश से और 40% तेलंगाना से चावल सप्लाई करते हैं।
सेवकों के माध्यम से ली जाएगी फीडबैक