विपक्ष का संसद में विरोध-प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन जारी

Tue 02-Dec-2025,04:11 PM IST +05:30

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विपक्ष का संसद में विरोध-प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन जारी
  • संसद में विपक्ष का लगातार प्रदर्शन और नारेबाजी.

  • लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित.

  • SIR और चुनावी सुधारों पर चर्चा की मांग.

Delhi / Delhi :

Delhi / संसद में विपक्ष का प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही सभी विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ सांसद वेल तक पहुंच गए, जिससे हंगामे का माहौल बन गया। स्पीकर ने इस दौरान प्रश्नकाल को जारी रखा, लेकिन विपक्ष लगातार 20 मिनट तक “वोट चोर-गद्दी छोड़” के नारे लगाता रहा। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में भी जारी प्रदर्शन
राज्यसभा में भी विपक्ष का प्रदर्शन और नारेबाजी जारी रही। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए विरोध-प्रदर्शन जरूरी है। इससे पहले विपक्ष ने सुबह 10:30 बजे संसद परिसर में मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि सरकार SIR (Systematic Investigation Report) पर तुरंत चर्चा करे।

SIR और चुनावी सुधारों पर सरकार की तैयारी
सत्र के पहले दिन यानी 1 दिसंबर को दोनों सदनों में SIR और वोट चोरी के आरोप को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया था। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बताया कि सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह इस पर कोई समय सीमा न थोपें। सूत्रों के अनुसार विपक्ष ने तर्क दिया कि चर्चा में SIR शब्द की जगह सरकार चाहें तो “इलेक्टोरल रिफॉर्म” या किसी अन्य नाम का उपयोग कर सकती है। सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है और अपना रुख बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में रखेगी।

वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा की संभावना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर सरकार सदन में इस विषय पर 10 घंटे की विशेष चर्चा कर सकती है। यह बहस गुरुवार और शुक्रवार को हो सकती है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। 30 सितंबर को राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सत्तारूढ़ दल के कई सदस्यों ने इस चर्चा का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, अब तक इस पर कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है।

यह सत्र राजनीतिक गतिविधियों और बहसों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण बन गया है, जिसमें विपक्ष और सरकार के बीच संतुलन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।