काशी तमिल संगमम् 4.0 की शानदार शुरुआत, 216 प्रतिनिधि काशी पहुंचे

Tue 02-Dec-2025,05:54 PM IST +05:30

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काशी तमिल संगमम् 4.0 की शानदार शुरुआत, 216 प्रतिनिधि काशी पहुंचे काशी तमिल संगमम् 4.0 की शुरुआत 216 प्रतिनिधियों के आगमन के साथ हुई।
  • योगी आदित्यनाथ और धर्मेंद्र प्रधान नमो घाट से कार्यक्रम का संयुक्त उद्घाटन करेंगे; 1400 प्रतिनिधि विभिन्न आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करेंगे।

  • “चलो तमिल सीखें – तमिल करकलाम” विषय के साथ तमिल भाषा और परंपराओं के राष्ट्रव्यापी प्रसार और सांस्कृतिक एकता पर जोर।

  • 216 प्रतिनिधियों के आगमन के साथ काशी तमिल संगमम् 4.0 शुरू; साहित्य विशेषज्ञों, विद्वानों और विद्यार्थियों ने काशी की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव किया।

Uttar Pradesh / Varanasi :

Varanasi/ काशी तमिल संगमम् 4.0 का शुभारंभ आज वाराणसी में ऐतिहासिक उत्साह के साथ हुआ, जब तमिलनाडु से आई पहली विशेष ट्रेन 216 प्रतिनिधियों को लेकर काशी पहुंची। इस प्रतिनिधिमंडल में 50 तमिल साहित्य विशेषज्ञ, 54 सांस्कृतिक विद्वान, छात्र, शिक्षक, कारीगर, शास्त्रीय गायक और आध्यात्मिक ग्रंथों के आचार्य तथा विद्यार्थी शामिल हैं। काशी की धरती पर पहुंचते ही सभी के चेहरे पर उत्साह और अपनत्व झलक उठा, जो उत्तर और दक्षिण भारतीय संस्कृति के गहरे संबंधों का प्रतीक बना।

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत आज नमो घाट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा की जा रही है। काशी तमिल संगमम् का चौथा संस्करण लगभग 1400 तमिल प्रतिनिधियों को उत्तर भारत के धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के अनुभव के लिए आमंत्रित करता है, जिसमें काशी की विशेष भूमिका है।

वाराणसी प्रवास के दौरान छात्रों और विद्वानों को गंगा घाटों, प्रमुख धार्मिक स्थलों, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय समुदाय के साथ संवाद के अवसर मिलेंगे। सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, साहित्यिक विमर्श, सेमिनार, स्थानीय व्यंजनों एवं हस्तशिल्प से परिचय जैसे विविध कार्यक्रमों के माध्यम से प्रतिभागी उत्तर और दक्षिण दोनों की सांस्कृतिक विरासत को निकटता से समझेंगे। प्रतिभागियों को सुब्रह्मण्य भारती के पैतृक निवास, काशी मदम, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर सहित तमिल विरासत से जुड़े स्थलों पर भी ले जाया जाएगा।

इसके साथ ही तमिलनाडु से पत्रकारों का एक दल भी संगमम् की कवरेज के लिए वाराणसी पहुंचा। मीडिया टीम ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर कार्यक्रम की शुरुआत का आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस वर्ष काशी तमिल संगमम् का विषय-“चलो तमिल सीखें, तमिल करकलाम” भारतीय भाषाओं की समान मूल भावना को रेखांकित करता है। इसका लक्ष्य तमिल भाषा, साहित्य और संस्कृति को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना और प्राचीन तमिल ग्रंथों का प्रसार अन्य भारतीय भाषाओं में भी बढ़ाना है।

केटीएस 4.0 न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान का आयोजन है, बल्कि यह उत्तर और दक्षिण के बीच ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सभ्यतागत संबंधों को और अधिक मजबूत करने वाला सेतु बन रहा है।