PMO Renamed: प्रधानमंत्री कार्यालय अब ‘सेवा तीर्थ’, राजभवन होगा ‘लोक भवन’

Tue 02-Dec-2025,09:12 PM IST +05:30

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PMO Renamed: प्रधानमंत्री कार्यालय अब ‘सेवा तीर्थ’, राजभवन होगा ‘लोक भवन’
  • केंद्र सरकार ने PMO का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ किया, जबकि राजभवनों का नया नाम ‘लोक भवन’ और सचिवालय का नाम ‘कर्तव्य भवन’ रखा गया।

     

  • नया प्रधानमंत्री कार्यालय आधुनिक तकनीक, हाई-सुरक्षा सिस्टम और सस्टेनेबल डिज़ाइन के साथ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत तैयार किया गया है।

     

  • नया प्रधानमंत्री कार्यालय आधुनिक तकनीक, हाई-सुरक्षा सिस्टम और सस्टेनेबल डिज़ाइन के साथ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत तैयार किया गया है।

     

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया है। यह बदलाव सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया जा रहा है। इसके साथ ही देशभर के सभी राजभवनों का नाम अब ‘लोक भवन’ होगा, जबकि केंद्रीय सचिवालय को नए नाम ‘कर्तव्य भवन’ से जाना जाएगा।

इस फैसले के साथ केंद्रीय प्रशासनिक ढांचे में बड़े प्रतीकात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इससे पहले सरकार ने दिल्ली के राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किया था। उसी तरह वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री का आधिकारिक पता “रेस कोर्स रोड” पुनर्नामित होकर लोक कल्याण मार्ग हो गया था।

अब PMO 78 वर्ष पुराने साउथ ब्लॉक से निकलकर एक नए, आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत परिसर में शिफ्ट होने जा रहा है, जिसे सेवा तीर्थ नाम दिया गया है। इस विशाल नए परिसर को प्रधानमंत्री कार्यालय और संबंधित संस्थानों की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

नए परिसर के तीन हिस्से होंगे:

  • सेवा तीर्थ-1: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO)

  • सेवा तीर्थ-2: कैबिनेट सचिवालय

  • सेवा तीर्थ-3: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) कार्यालय

सरकार का कहना है कि इन नए नामों और नई इमारतों का उद्देश्य “कर्तव्य, सेवा और लोक कल्याण” की भावना को मजबूत करना है। नए नाम राष्ट्रीय प्रशासन को अधिक भारतीय मूल्यों और आधुनिक शासन सिद्धांतों से जोड़ते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों का मकसद न केवल बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाना है, बल्कि शासन-प्रणाली को “जन-केंद्रित” संदेश देना भी है। साउथ ब्लॉक से PMO का हटना प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार के अनुसार, नए कैंपस में हाई-सिक्योरिटी तकनीक, डिज़िटल कंट्रोल सिस्टम, स्मार्ट एनर्जी मॉनिटरिंग और ग्रीन-बिल्डिंग स्टैंडर्ड्स को शामिल किया गया है। आने वाले वर्षों में यह परिसर भारत के राष्ट्रीय प्रशासन का मुख्य केंद्र बनकर उभरेगा।