क्रेटन पोर्ट इरापेट्रा के मेयर मनोलिस फ्रैंगोलिस ने बताया कि नाव में सवार सभी लोग युवा थे। उन्होंने यह भी कहा कि नाव में हवा दोनों तरफ से निकल रही थी, जिससे यात्रियों को सीमित जगह में रहना पड़ा। कोरोनर इस बात की जांच कर रहे हैं कि मौत की वजह डिहाइड्रेशन थी या कुछ और। ग्रीस के अधिकारियों के अनुसार यह नाव क्रीट के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 48 किलोमीटर दूर मिली।
तुर्की की एक कार्गो जहाज ने नाव को बहता हुआ देखा और अधिकारियों को सूचना दी। मामले की जांच और बचाव कार्य के लिए दो कोस्टगार्ड जहाज, यूरोपीय सीमा तटरक्षक एजेंसी फ्रोंटेक्स का एक जहाज, एक एयरक्राफ्ट और एक सुपर प्यूमा हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर भेजे गए। बचे हुए लोगों ने बताया कि खराब मौसम की वजह से नाव अस्थिर हो गई थी और उनके पास रहने की जगह, खाना या पानी नहीं था।
यह पहली बार नहीं है जब ग्रीस में ऐसी दुर्घटना हुई हो। हाल ही में ग्रीस के गावदोस द्वीप के पास भी एक प्रवासी नाव पलटी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 56 लोग बचाए गए थे। यूनान में प्रवासियों के लिए यह मुख्य मार्ग रहा है, खासकर उत्तर अफ्रीका से यूरोप पहुंचने के लिए। 2015 से अब तक इस रास्ते से लाखों प्रवासी यूरोप पहुंचे हैं, लेकिन सैकड़ों लोग भूमध्य सागर में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं।
मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार समुद्री बचाव को मजबूत करने और प्रवासियों के लिए सुरक्षित रास्ते बनाने की अपील की है। पिछले दिन ही लेसवोस द्वीप के पास एक और नाव डूबी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और सात लोग बचाए गए। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि नाव में कुल कितने लोग सवार थे। जीवित बचे सभी लोग सूडान के नागरिक हैं और वे अंग्रेजी नहीं बोल पाते, जिससे उनसे बातचीत करना कठिन हो रहा है।
यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि समुद्र में प्रवास के दौरान जोखिम और त्रासदी कितनी बड़ी हो सकती है। यूरोप पहुंचने की उम्मीद में लोग जीवन को खतरे में डालते हैं, लेकिन सुरक्षित मार्ग और बेहतर बचाव उपाय ही ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं।