लाल किले में यूनेस्को विरासत समिति का 20वां सत्र, वैश्विक संस्कृति संरक्षण में भारत अग्रणी
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यूनेस्को समिति के 20वें सत्र में 150+ देशों की भागीदारी जीवित परंपराओं के संरक्षण और सांस्कृतिक सहयोग की वैश्विक भावना को मजबूत करती है।
ऐतिहासिक लाल किले में सम्मेलन की मेजबानी भारत की सांस्कृतिक पहचान और विरासत संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
भारत सांस्कृतिक कूटनीति और पीढ़ी-दर-पीढ़ी परंपराओं को मजबूत बनाने के उद्देश्य से वैश्विक सहयोग को निरंतर आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
दिल्ली/ प्रधानमंत्री ने भारत में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत समिति (Intangible Cultural Heritage Committee) के 20वें सत्र की शुरुआत पर अत्यंत हर्ष व्यक्त किया। इस सम्मेलन में 150 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी विश्व भर की जीवित परंपराओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के साझा लक्ष्य को दर्शाती है। प्रधानमंत्री के अनुसार यह मंच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विरासत संरक्षण और वैश्विक सहयोग को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भारत के लिए यह मेजबानी विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह आयोजन ऐतिहासिक लाल किले में हो रहा है, जो स्वयं भारतीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संस्कृति को समाजों और पीढ़ियों को जोड़ने वाली शक्ति के रूप में देखता है और यह सम्मेलन सांस्कृतिक कूटनीति, परंपराओं के सम्मान और वैश्विक सांस्कृतिक समावेशन को और मजबूत करेगा।
उन्होंने मंच पर भाग लेने वाले सभी देशों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत विश्व स्तर पर सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा।