वाराणसी स्टेडियम में लगी त्रिशूल फ्लड लाइटें, 75% काम पूरा; 2026 में T20 मैच
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
450 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे गंजारी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में त्रिशूल आकार की फ्लडलाइटें लग चुकी हैं, जिससे परिसर शिवमय दिखता है।
स्टेडियम का 75% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें 14 उच्च स्तरीय पिचें और बिजली के लिए अलग पावर सब–स्टेशन तैयार किया जा रहा है।
2026 में होने वाले पहले T20 अंतरराष्ट्रीय मैच से स्टेडियम का उद्घाटन होगा, जिससे क्षेत्र में खेल, रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
वाराणसी के गंजारी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में त्रिशूल आकार की फ्लड लाइटें लग चुकी हैं। 75% निर्माण पूरा, 2026 में T20 मैच से उद्घाटन होगा।
वाराणसी/ वाराणसी के गंजारी क्षेत्र में बन रहा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अब अपनी अनोखी वास्तुकला और धार्मिक प्रतीकात्मकता के कारण सुर्खियों में है। स्टेडियम में त्रिशूल आकार की फ्लड लाइटें लग चुकी हैं, जो इसे देश के किसी भी अन्य क्रिकेट स्टेडियम से अलग पहचान देती हैं। यह डिजाइन काशी की आध्यात्मिक छवि को दर्शाने के लिए तैयार किया गया है, ताकि देश–विदेश से आने वाले दर्शकों को शहर की सांस्कृतिक झलक उसी क्षण मिल सके।
करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह विशाल स्टेडियम लगभग 75% पूरा हो चुका है। प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार इसकी प्रगति की निगरानी कर रहे हैं ताकि यह तय समय सीमा में तैयार हो सके। हाल ही में मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी तकनीकी या निर्माण बाधा को तुरंत दूर किया जाए, जिससे परियोजना में देरी न हो।
स्टेडियम का उद्घाटन 2026 में एक अंतरराष्ट्रीय T20 मैच के साथ करने की योजना है। यहां 14 उच्च गुणवत्ता वाली पिचें तैयार की जा रही हैं, जो इसे भविष्य में बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेज़बानी करने में सक्षम बनाएंगी। इसके अलावा बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए एक अलग पावर सब–स्टेशन भी तैयार किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों में इस स्टेडियम को लेकर भारी उत्साह है, क्योंकि इसके निर्माण से न केवल क्षेत्र का विकास तेज़ होगा, बल्कि इससे पर्यटन, खेल गतिविधियों और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना वाराणसी को सिर्फ धार्मिक पर्यटन का केंद्र ही नहीं, बल्कि एक उभरते खेल हब के रूप में भी स्थापित कर सकती है।
स्टेडियम की वास्तुकला आधुनिक तकनीक और परंपरा का मिला–जुला स्वरूप है। त्रिशूल आकार की फ्लडलाइटें इसका मुख्य आकर्षण हैं, जो इसे दुनिया के सबसे अनोखे क्रिकेट स्थलों में शुमार करने की क्षमता रखती हैं। इसके अलावा दर्शकों के लिए अत्याधुनिक बैठने की व्यवस्था, बेहतर एप्रोच रोड, पार्किंग और सुरक्षा सिस्टम भी इसमें जोड़े जा रहे हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यदि सभी काम निर्धारित गति से जारी रहे, तो यह स्टेडियम अप्रैल 2026 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया मैदान पूर्वांचल के युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर होगा, जहां वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के बीच खेलकर अपनी प्रतिभा निखार सकेंगे।
गंजारी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण वाराणसी के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह न केवल खेल प्रेमियों के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह शहर की पहचान को नई ऊँचाई देगा। त्रिशूल आकार की फ्लडलाइटों के साथ यह स्टेडियम आने वाले वर्षों में देश–विदेश के क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक आकर्षण बनेगा और भारत के क्रिकेट इतिहास में एक नई शुरुआत का प्रतीक साबित होगा।