राजनांदगांव में 2.95 करोड़ के इनामी 12 नक्सली सरेंडर, 1.05 करोड़ का रामधेर मज्जी भी शामिल

Tue 09-Dec-2025,06:37 PM IST +05:30

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राजनांदगांव में 2.95 करोड़ के इनामी 12 नक्सली सरेंडर, 1.05 करोड़ का रामधेर मज्जी भी शामिल
  • 2.95 करोड़ के कुल इनामी 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसमें 1.05 करोड़ का केंद्रीय समिति सदस्य रामधेर मज्जी भी शामिल।

  • नई पुनर्वास नीति, सुरक्षा दबाव और विकास की पहल ने महिलाओं सहित नक्सलियों को हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने को प्रेरित किया।

  • भारी मात्रा में आधुनिक हथियार जमा, सीएम साय बोले-नक्सलवाद समाप्ति के लक्ष्य की दिशा में यह निर्णायक उपलब्धि।

Chhattisgarh / Raj-Nandgaon :

छत्तीसगढ़/ छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है, जहां कुल 2.95 करोड़ रुपये के इनामी 12 प्रतिबंधित माओवादी सदस्यों ने सोमवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादी केंद्रीय समिति का कुख्यात सदस्य और 1.05 करोड़ के इनामी रामधेर उर्फ होरुपु भी शामिल है, जो वर्षों से एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन में नक्सली गतिविधियों को संचालित करता रहा था।

सुरक्षा बलों के लिए चुनौती माने जाने वाले इन माओवादियों का आत्मसमर्पण राज्य की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार की नीति के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों ने माना कि सरकार की नई समर्पण और पुनर्वास नीति तथा सुरक्षा बलों के लगातार ऑपरेशनों ने उन्हें हिंसा छोड़ने के लिए मजबूर किया। सरेंडर करने वालों में कुल 6 महिलाएं भी शामिल हैं, जो लंबे समय तक नक्सली संगठनों में विभिन्न भूमिकाओं में सक्रिय थीं।

आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों ने 3 AK-47 राइफल, 3 INSAS राइफल, 2 .303 राइफल, 1 SLR और 1 कार्बाइन राइफल सहित भारी मात्रा में हथियार सुरक्षा बलों को सौंपे। मुख्य आत्मसमर्पण करने वालों में रामधेर मज्जी (केंद्रीय समिति सदस्य), अनीता उर्फ ललिता, चंदू उर्फ नरेश, प्रेम उर्फ उमराव, जानकी उर्फ प्रेमा, शीला उर्फ वैसंती, लक्ष्मी उर्फ मनीता, योगिता उर्फ लक्ष्मी, सागर उर्फ रैनू, कविता उर्फ मासे, रामसिंह उर्फ संपत और सुकेश उर्फ रंगा शामिल हैं। सरेंडर के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “1 करोड़ 05 लाख के इनामी रामधेर मज्जी सहित 12 माओवादी मुख्यधारा में लौट आए हैं।

पिछले दो वर्षों में 4,000 से अधिक नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, यह स्पष्ट संकेत है कि नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। सीएम साय ने यह भी कहा कि नक्सलवाद कमजोर होने के बाद बस्तर और अन्य प्रभावित इलाकों में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। राजनांदगांव में 12 शीर्ष नक्सलियों का आत्मसमर्पण सरकार की रणनीतिक सफलता और शांति स्थापना की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव साबित हुआ है।