PM ई-ड्राइव ने बढ़ाई ईवी की रफ्तार
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भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ 7.50% हुई। EV रजिस्ट्रेशन में तेज बढ़ोतरी के साथ सरकार PLI-ऑटो, PLI-ACC और PM ई-ड्राइव से विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है।
भारत में EV रजिस्ट्रेशन 2019 से 2025 के बीच 1.74 लाख से बढ़कर 19.68 लाख पर पहुंचा, EV पैठ 7.50% तक पहुंची। सरकार की PLI-ऑटो, PLI-ACC और PM E-Drive योजनाएँ घरेलू EV विनिर्माण, बैटरी उत्पादन और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज गति दे रही हैं।
दिल्ली/ भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के अपनाने की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2024-25 के बीच EV रजिस्ट्रेशन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वाहन पोर्टल के ताज़ा डेटा के मुताबिक 2019-20 में जहाँ मात्र 1.74 लाख EV पंजीकृत हुए थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 19.68 लाख पहुंच गई है। यह पाँच वर्षों में 11 गुना से अधिक वृद्धि को दर्शाता है। इसी अवधि में EV की बाजार पैठ 0.71% से बढ़कर 7.50% तक पहुंच चुकी है, जो भारत की तेजी से बदलती ऑटोमोबाइल प्राथमिकताओं की झलक है।
वहीं, आईसीई (पेट्रोल-डीजल) वाहनों का पंजीकरण भी बढ़ा है, लेकिन EV के मुकाबले इसकी वृद्धि दर अपेक्षाकृत धीमी है। इससे स्पष्ट है कि उपभोक्ता अब स्वच्छ, किफायती और भविष्य-उन्मुख विकल्पों की तरफ झुक रहे हैं। सरकार भी इसी बदलाव को मजबूती देने के लिए एक के बाद एक नई योजनाएँ लॉन्च कर रही है।
सरकार की तीन बड़ी EV योजनाएँ, विनिर्माण से लेकर बिक्री तक प्रोत्साहन
देश में EV इकोसिस्टम को मजबूत बनाने और घरेलू विनिर्माण को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर योजनाएँ शुरू की हैं।
सबसे पहले, पीएलआई-ऑटो योजना के तहत सरकार 25,938 करोड़ रुपये की सहायता से उन्नत ऑटोमोटिव टेक्नॉलजी (AAT) उत्पादों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा दे रही है। इस योजना का लक्ष्य ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रिक वाहन घटकों में कम से कम 50% घरेलू मूल्यवर्धन सुनिश्चित करना है।
दूसरी ओर, पीएलआई-एसीसी बैटरी भंडारण योजना, 18,100 करोड़ रुपये के बजट के साथ, भारत को बैटरी निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रमुख कदम है। इसका उद्देश्य देश में एडवांस केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी का बड़े पैमाने पर उत्पादन बढ़ाना है।
तीसरी और ताज़ा योजना है PM E-Drive, जिसे 29 सितंबर 2024 को अधिसूचित किया गया। 10,900 करोड़ रुपये की यह योजना 2024 से 2028 तक लागू रहेगी और ई-2W, ई-3W, ई-ट्रक, ई-बस और ई-एम्बुलेंस की बिक्री बढ़ाने पर केंद्रित है। इसके साथ ही चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और वाहन परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन को भी समर्थन दिया जा रहा है। योजना के तहत चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (PMP) घरेलू स्तर पर EV कंपोनेंट निर्माण को अनिवार्य बनाता है।
सरकारी योजनाओं, तकनीकी प्रगति और उपभोक्ताओं की बढ़ती पर्यावरणीय जागरूकता के चलते भारत जल्द ही ईवी क्रांति के अगले चरण में प्रवेश करने की ओर अग्रसर है।