भारत-श्रीलंका साझेदारी को नई ऊंचाई: प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य

Tue 17-Dec-2024,05:01 PM IST +05:30

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भारत-श्रीलंका साझेदारी को नई ऊंचाई: प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य
  • राष्ट्रपति दिसानायक ने अपने कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा और दिशा मिलने की उम्मीद है।

  • भारत का सहयोग श्रीलंका के सभी 25 जिलों में सक्रिय है, जो श्रीलंका की प्राथमिकताओं पर आधारित है। इस सहयोग को बढ़ाते हुए भारत माहो-अनुराधापुरम रेल सेक्शन के सिग्नलिंग सिस्टम और कांकेसंथुराई पोर्ट के पुनरुद्धार के लिए अनुदान सहायता देगा।

  • प्रधानमंत्री ने भारत और श्रीलंका के बीच पीपल-टू-पीपल संबंधों को सभ्यता से जुड़ा बताते हुए कहा कि पाली भाषा को "क्लासिकल भाषा" का दर्जा मिलने पर श्रीलंका ने भी इसे गर्व का विषय माना। 

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री दिसानायक ने आज एक संयुक्त प्रेस वार्ता में दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग को मजबूत करने के लिए नई योजनाओं की घोषणा की। राष्ट्रपति दिसानायक ने अपने कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा और दिशा मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में दोनों देशों के बीच एक "फ्यूचरिस्टिक विज़न" को साझा किया, जिसमें आर्थिक विकास, ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने घोषणा की कि भारत और श्रीलंका के बीच फिजिकल, डिजिटल और एनर्जी कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर काम किया जाएगा। इस दिशा में इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कनेक्टिविटी और मल्टी-प्रोडक्ट पेट्रोलियम पाइपलाइन जैसे प्रोजेक्ट्स को लागू करने की योजना है। सामपुर सोलर पावर प्रोजेक्ट और श्रीलंका के पावर प्लांट्स को LNG की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई।

आर्थिक और विकास में सहयोग

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब तक श्रीलंका को 5 बिलियन डॉलर की लाइंस ऑफ क्रेडिट और अनुदान सहायता प्रदान कर चुका है। भारत का सहयोग श्रीलंका के सभी 25 जिलों में सक्रिय है, जो श्रीलंका की प्राथमिकताओं पर आधारित है। इस सहयोग को बढ़ाते हुए भारत माहो-अनुराधापुरम रेल सेक्शन के सिग्नलिंग सिस्टम और कांकेसंथुराई पोर्ट के पुनरुद्धार के लिए अनुदान सहायता देगा। शिक्षा के क्षेत्र में, भारत ने जाफना और पूर्वी प्रांत के विश्वविद्यालयों में 200 छात्रों के लिए मासिक छात्रवृत्ति की घोषणा की है। साथ ही, अगले पाँच वर्षों में श्रीलंका के 1500 सिविल सेवकों को भारत में प्रशिक्षित किया जाएगा।

सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग

दोनों देशों के सुरक्षा हितों की एकरूपता पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने रक्षा सहयोग समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने और कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव के महत्व को रेखांकित किया। समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध और मानव तस्करी जैसे विषयों पर सहयोग बढ़ाने के निर्णय लिए गए।

सांस्कृतिक और जनसंपर्क संबंध

प्रधानमंत्री ने भारत और श्रीलंका के बीच पीपल-टू-पीपल संबंधों को सभ्यता से जुड़ा बताते हुए कहा कि पाली भाषा को "क्लासिकल भाषा" का दर्जा मिलने पर श्रीलंका ने भी इसे गर्व का विषय माना। पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिए रामेश्वरम-तलाइमनार फेरी सर्विस और रामायण ट्रेल जैसे कार्यक्रमों पर काम किया जाएगा।

तमिल मुद्दा और समावेशी विकास

प्रधानमंत्री ने मछुआरों की आजीविका और तमिल समुदाय की आकांक्षाओं पर चर्चा को रेखांकित करते हुए कहा कि श्रीलंका सरकार को संविधान के पूर्ण कार्यान्वयन और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को निभाना चाहिए। उन्होंने पुनर्निर्माण और मेल-मिलाप के लिए राष्ट्रपति दिसानायक के समावेशी दृष्टिकोण का समर्थन किया।

भरोसेमंद भागीदार भारत

प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के विकास में भारत की सक्रिय भूमिका को दोहराते हुए कहा कि भारत श्रीलंका का भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार बना रहेगा। उन्होंने राष्ट्रपति दिसानायक की बोधगया यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए इसे उनके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बताया।

यह यात्रा दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों को नई दिशा देने और क्षेत्रीय शांति एवं विकास को प्रोत्साहन देने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।