StartUp को मिलेगा अब और अधिक वित्तीय समर्थन, CGSS का विस्तार

Fri 09-May-2025,01:56 PM IST +05:30

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StartUp को मिलेगा अब और अधिक वित्तीय समर्थन, CGSS का विस्तार स्टार्टअप के लिए ऋण गारंटी सीमा ₹20 करोड़ तक बढ़ी
  • स्टार्टअप के लिए ऋण गारंटी सीमा ₹20 करोड़ तक बढ़ी।

  • चैंपियन सेक्टरों के लिए वार्षिक शुल्क घटाकर 1%।

  • नवाचार और घरेलू निर्माण को मिलेगा नया बढ़ावा।

Delhi / New Delhi :

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने स्टार्टअप्स के लिए ऋण गारंटी योजना (Credit Guarantee Scheme for Startups - CGSS) के दायरे को व्यापक रूप से बढ़ा दिया है। इस संशोधित योजना के अंतर्गत अब प्रति उधारकर्ता गारंटी कवर की अधिकतम सीमा ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹20 करोड़ कर दी गई है। इससे स्टार्टअप्स को मिलने वाली वित्तीय सहायता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, जिससे देश में नवाचार और उद्यमशीलता को और अधिक गति मिलेगी।

गारंटी कवर में बड़ा बदलाव
पहले ₹10 करोड़ तक की ऋण राशि पर डिफॉल्ट राशि का 75% गारंटी कवर उपलब्ध था, जिसे अब बढ़ाकर 85% कर दिया गया है। वहीं ₹10 करोड़ से अधिक ऋण पर गारंटी कवर अब 75% तक होगा। यह बदलाव वित्तीय संस्थानों को स्टार्टअप्स को ऋण देने में अधिक आश्वस्त बनाएगा और जोखिम को कम करेगा।

चैंपियन सेक्टरों को मिलेगा विशेष लाभ
भारत सरकार द्वारा पहचाने गए 27 चैंपियन सेक्टरों के स्टार्टअप्स के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क (Annual Guarantee Fee - AGF) को 2% से घटाकर 1% कर दिया गया है। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को मजबूती देगा, जिससे घरेलू विनिर्माण, सेवाएं और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इससे चयनित क्षेत्रों के लिए वित्तपोषण सस्ता और आकर्षक बनेगा।

नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
यह विस्तार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्था” के दृष्टिकोण के अनुरूप है। बढ़ी हुई गारंटी सहायता के माध्यम से स्टार्टअप्स को ऋण सहायता प्रदान करने में अधिक वित्तीय संस्थाएं आगे आएंगी। इससे प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप्स के लिए भी पूंजी तक पहुंच आसान होगी और उनका समग्र वित्त प्रवाह बढ़ेगा।

जोखिम में कमी और प्रयोग को मिलेगा प्रोत्साहन
विस्तारित CGSS योजना के तहत स्टार्टअप्स के लिए अनुसंधान और विकास (R&D), तकनीकी प्रयोग और अत्याधुनिक नवाचारों पर काम करने के लिए अधिक पूंजी उपलब्ध होगी। योजना उन वित्तीय संस्थानों के लिए जोखिम को कम करती है जो शुरुआती स्टार्टअप्स में निवेश करने से हिचकिचाते थे।

परिचालन सुधार और स्टार्टअप हितैषी संशोधन
इस योजना में स्टार्टअप इकोसिस्टम से मिले फीडबैक के आधार पर कई सुधार और नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जिससे यह योजना ऋणदाताओं और स्टार्टअप्स दोनों के लिए और अधिक अनुकूल बन गई है। इसके जरिए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में स्टार्टअप्स की भूमिका को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

पृष्ठभूमि और उद्देश्य
16 जनवरी 2016 को लॉन्च हुई स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत यह योजना 6 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित की गई थी। इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स को संपार्श्विक-मुक्त ऋण उपलब्ध कराना और वित्तीय संस्थानों को ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करना है। अब 2025-26 के केंद्रीय बजट में इसका विस्तार करते हुए इसमें और भी अधिक स्टार्टअप्स को शामिल किया गया है।

योजना की अधिसूचना एवं विवरण हेतु लिंक:
🔗 CGSS अधिसूचना पढ़ें