NEET UG 2025 में फर्जीवाड़ा: डमी कैंडिडेट गैंग का भंडाफोड़, पांच आरोपी गिरफ्तार

Mon 05-May-2025,03:01 PM IST +05:30

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NEET UG 2025 में फर्जीवाड़ा: डमी कैंडिडेट गैंग का भंडाफोड़, पांच आरोपी गिरफ्तार NEET UG 2025 में फर्जीवाड़ा: डमी कैंडिडेट गैंग का भंडाफोड़, पांच आरोपी गिरफ्तार
  • नीट परीक्षा 2025 में डमी कैंडिडेट रैकेट का भंडाफोड़।

  • AI टूल से फोटो मिक्सिंग और फर्जी एडमिट कार्ड।

  • ATS-SOG इनपुट पर पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई।

Rajasthan / Jaipur :

जयपुर पुलिस ने NEET UG 2025 परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अजीत कुमार बराला, सोहनलाल चौधरी, जितेंद्र शर्मा, संजय चौधरी और रोहित गोरा शामिल हैं। इनसे तीन ब्लूटूथ डिवाइस, दो ईयरबर्ड, चार मोबाइल सिम, नकद ₹50,000 और एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की गई है।

पुलिस को एटीएस-एसओजी से इनपुट मिला था कि नीट परीक्षा में कुछ लोग अनुचित साधनों का प्रयोग कर डमी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा दिलवा रहे हैं। इसके बाद पुलिस की विशेष टीम ने करणी विहार थाना क्षेत्र स्थित एक फ्लैट पर छापा मारा, जहां तीन युवक संदिग्ध रूप से रह रहे थे। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पैसे लेकर फर्जी दस्तावेज बनवाकर डमी कैंडिडेट्स को परीक्षा दिलवा रहे थे।

आरोपी अजीत और सोहन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान से बीएएमएस कर चुके हैं और पीजी की तैयारी कर रहे हैं। दोनों ने मिलकर यह नेटवर्क खड़ा किया था, जिसमें उदयपुर का विशाल नामक छात्र AI टूल्स के जरिए असली और डमी कैंडिडेट की तस्वीरें मिलाकर एडमिट कार्ड तैयार करता था। आरोपी जितेंद्र, जो वर्तमान में कर्नाटक के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है, को 4 मई को रोहित गोरा की जगह और 27 मई को पेरा मेडिकल परीक्षा में संजय की जगह परीक्षा देने के लिए एडवांस ₹50,000 दिए गए थे।

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी तकनीकी साधनों जैसे ब्लूटूथ, ईयरबर्ड और नकली डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से परीक्षा में अनुचित लाभ दिलवाने का प्रयास कर रहे थे। प्रारंभिक जांच में पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि गिरोह के सदस्य पहले भी इस तरह की परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर चुके हैं।

पुलिस अब उन असली कैंडिडेट्स और अन्य सहयोगियों की भी पहचान कर रही है जो इस गिरोह से जुड़े थे। साथ ही तकनीकी विश्लेषण के जरिए AI टूल्स और अन्य डिजिटल संसाधनों के प्रयोग की भी गहन जांच की जा रही है।

यह मामला शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। पुलिस का कहना है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।