गोवा बना पूर्ण साक्षर राज्य | उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की ऐतिहासिक सफलता

Sat 31-May-2025,11:06 AM IST +05:30

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गोवा बना पूर्ण साक्षर राज्य | उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की ऐतिहासिक सफलता गोवा बना पूर्ण साक्षर राज्य
  • गोवा बना भारत का दूसरा पूर्ण साक्षर राज्य।

  • उल्लास साक्षरता कार्यक्रम के तहत ऐतिहासिक सफलता।

  • जनभागीदारी और सरकारी समन्वय से 95% साक्षरता दर प्राप्त।

Goa / Goa Velha :

गोवा ने देश में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए औपचारिक रूप से खुद को पूर्ण कार्यात्मक साक्षर राज्य घोषित किया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा के 39वें राज्य स्थापना दिवस पर पणजी स्थित दीनानाथ मंगेशकर कला मंदिर में आयोजित भव्य समारोह में की। इस अवसर पर गोवा के कई वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव और शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह उपलब्धि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उस लक्ष्य की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है, जिसमें भारत को 2030 तक पूर्ण साक्षर बनाना है। गोवा देश का दूसरा राज्य बन गया है जिसने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित 95% साक्षरता मानक को पार किया है। पीएलएफएस रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार गोवा की साक्षरता दर पहले ही 93.60% थी, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों की उल्लेखनीय भागीदारी रही। राज्य के अपने व्यापक सर्वेक्षण के अनुसार, यह आंकड़ा अब पार कर लिया गया है।

इस उपलब्धि के पीछे सरकार का संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण प्रमुख रहा। विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों जैसे पंचायत निदेशालय, नगरपालिका प्रशासन, समाज कल्याण, योजना और सांख्यिकी, महिला एवं बाल विकास विभाग ने मिलकर निरक्षरों की पहचान की और उन्हें साक्षरता अभियान से जोड़ा। स्वयंपूर्ण मित्रों और फील्ड वर्कर्स ने घर-घर जाकर जनजागरूकता अभियान चलाया और शिक्षा मॉड्यूल में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की।

शिक्षा विभाग की टीम जिसमें एससीईआरटी, स्कूल प्रमुख, स्थानीय प्रशासन और हजारों स्वयंसेवक शामिल थे, ने अभियान को जमीनी स्तर पर सफल बनाया। इन प्रयासों के तहत न केवल निरक्षरों को पहचान कर उन्हें शिक्षा से जोड़ा गया, बल्कि उन्हें परीक्षा के लिए तैयार कर उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाया गया।

यह सफलता केंद्र सरकार द्वारा संचालित “उल्लास – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम” के माध्यम से संभव हो पाई है। यह योजना 2022 से 2027 तक लागू की गई है और 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को लक्षित करती है जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा सके। इसमें पाँच प्रमुख घटक शामिल हैं – बुनियादी साक्षरता, संख्यात्मकता, जीवनोपयोगी कौशल, प्रारंभिक और व्यावसायिक शिक्षा, और सतत शिक्षा।

आज तक इस योजना के तहत 1.77 लाख से अधिक शिक्षार्थी एफएलएनएटी परीक्षा में शामिल हो चुके हैं और उल्लास मोबाइल ऐप पर 2.40 करोड़ शिक्षार्थियों व 41 लाख स्वयंसेवकों का पंजीकरण हो चुका है। गोवा की यह सफलता पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है और यह दिखाता है कि जब सरकारी तंत्र, जनभागीदारी और तकनीक का सही समन्वय होता है तो शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण परिवर्तन लाया जा सकता है।