हरियाणा में ऑपरेशन शील्ड: 31 मई को मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट, हवाई हमलों से निपटने की तैयारी
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31 मई को हरियाणा में ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल।
ऑपरेशन शील्ड: हवाई हमलों से निपटने की तैयारी।
नागरिकों को आपात स्थिति के लिए सतर्क रहने का प्रशिक्षण।
हरियाणा में 31 मई को ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट आयोजित किया जाएगा। यह अभ्यास केंद्र सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है, जिसकी नई तारीख 29 मई से बदलकर 31 मई की गई है। इस अभ्यास की शुरुआत एक सायरन से होगी जो संभावित हवाई हमले के लिए लोगों को सतर्क रहने का संकेत देगा। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध या आपदा जैसी आपात स्थिति में राज्य की तैयारियों की परख करना और आवश्यक सुधार करना है।
इस मॉक ड्रिल के दौरान ड्रोन या मिसाइल हमले जैसी स्थिति को दर्शाया जाएगा, ताकि प्रशासन, सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के बीच समन्वय की जांच की जा सके। अभ्यास के दौरान 30 मिनट तक ब्लैकआउट रहेगा, यानी लाइटें बंद रखी जाएंगी। 7 मई को भी ऐसा ही एक अभ्यास किया गया था, जिसमें रात के समय ब्लैकआउट और सायरन का उपयोग कर लोगों को आपातकालीन स्थिति का अहसास कराया गया था। यह कवायद विशेष रूप से इसलिए की जा रही है क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशें की गई थीं। सिरसा एयरबेस को निशाना बनाने के प्रयास को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया था, जब फतह-2 मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा अंबाला में भी ड्रोन देखे जाने की घटनाएं हुई थीं, हालांकि वे शहर तक नहीं पहुंच सके।
हरियाणा की सीमा भले ही पाकिस्तान से सीधे नहीं मिलती, लेकिन यह पंजाब के निकट स्थित है, जहां के छह जिले पाकिस्तान से सटे हुए हैं। ऐसे में किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए हरियाणा में भी तैयारी जरूरी मानी जा रही है। इस ड्रिल के जरिए आम लोगों को भी आपात स्थिति में सुरक्षित रहने और सतर्कता बरतने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मॉक ड्रिल से पहले नागरिकों को मोबाइल फोन और पावर बैंक चार्ज रखने, टॉर्च, रेडियो, पानी, सूखा भोजन, आवश्यक दवाएं और पहचान पत्र जैसी आपातकालीन वस्तुएं तैयार रखने की सलाह दी गई है। सुरक्षित स्थानों की पहले से पहचान कर लेनी चाहिए, जैसे कि तहखाना या मजबूत अंडरग्राउंड कमरे। सायरन के संकेतों को समझना भी जरूरी है, जिसमें लंबा सायरन खतरे की सूचना और छोटा सायरन स्थिति सामान्य होने का संकेत देता है।
ब्लैकआउट के दौरान सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी। नागरिकों को खिड़कियों से दूर रहना चाहिए और खिड़कियों को मोटे पर्दों या कार्डबोर्ड से ढक देना चाहिए। वाहन चालकों को लाइट्स बंद कर वाहन सड़क किनारे खड़ा करने की सलाह दी गई है। गैस और बिजली के उपकरणों को भी बंद करना आवश्यक है। बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की विशेष निगरानी रखनी होगी। सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने की भी अपील की गई है।
अभ्यास समाप्त होने के बाद ही सामान्य गतिविधियों की ओर लौटना चाहिए। नागरिकों को बताया जाना चाहिए कि यह केवल एक अभ्यास था और घबराने की जरूरत नहीं है। अस्पतालों और नर्सिंग होम्स पर ब्लैकआउट लागू नहीं होगा, लेकिन उन्हें भी सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।
आपातकालीन स्थिति में संपर्क के लिए आवश्यक नंबर भी साझा किए गए हैं – पुलिस के लिए 112, फायर ब्रिगेड के लिए 101 और एम्बुलेंस के लिए 120। इस तरह की मॉक ड्रिल्स से संकट की स्थिति में लोगों को मानसिक रूप से तैयार किया जा सकता है और घबराहट की स्थिति से बचा जा सकता है।