गोवा में मंगलवार को अचानक हुई भारी प्री-मॉनसून बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। कई इलाकों में पानी भरने से यातायात ठप हो गया और शहरों की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गईं। मापुसा और पणजी जैसे प्रमुख शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया, जिससे वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर बारिश के चलते सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गईं, जिससे आवाजाही मुश्किल हो गई। कई इलाकों में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो इस स्थिति की भयावहता को दिखाता है, जिसमें एक बाइक सवार को पानी के बहाव में बहते देखा गया।
मौसम विभाग ने गोवा को ऑरेंज अलर्ट पर रखा है और 26 मई तक येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। कर्नाटक और आसपास के क्षेत्रों में ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण को इस बारिश का कारण माना जा रहा है। इस दौरान मीरामार, नेउगी नगर, मडगांव, और खोरलिम जैसे इलाकों में जलभराव से नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बारिश के कारण सिर्फ यातायात ही नहीं, बल्कि सरकारी सेवाएं भी प्रभावित हुईं। मडगांव नगर परिषद के कार्यालय में पानी घुसने से कई विभागों की सेवाएं ठप हो गईं और प्रशासनिक फाइलों को बचाने के लिए कर्मचारियों को मशक्कत करनी पड़ी।
राज्य के कई हिस्सों में पेड़ उखड़ने की घटनाएं सामने आईं और बिजली गिरने से एक लाइनमैन की मौत हो गई। कुछ इलाकों में पानी की टंकी और खुले कुओं में गिरकर चार कुत्तों की भी मौत हो गई। लगातार बारिश और आंधी-तूफान की वजह से दृश्यता भी बेहद कम हो गई। वहीं, तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री रहा।
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पेरनेम में 161 मिमी, मापुसा में 157 मिमी, पणजी में 81 मिमी और मोरमुगाओ में 75 मिमी बारिश दर्ज की गई। दूरदराज के इलाकों जैसे वालपोई, संगुएम और क्यूपेम में 40 से 43 मिमी तक बारिश हुई। वहीं, पोंडा स्टेशन पर 30 मिमी बारिश दर्ज की गई।
इस बारिश ने मानसून पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी। मडगांव नगरपालिका चौक, जिला अस्पताल के सामने का क्षेत्र, और कनाकोना का रवींद्र भवन जलमग्न हो गए। तालुका पुस्तकालय में पानी घुसने से कई किताबें और फर्नीचर बर्बाद हो गए। वहां हो रहा 'मोहज्जेम पोइलेम घोर' कार्यक्रम भी रद्द करना पड़ा।
यह सब घटनाएं राज्य प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करती हैं। नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि नगर पालिका द्वारा समय पर नालों की सफाई नहीं की गई, जिससे बारिश के पानी की निकासी बाधित हुई। गोवा में इस तरह की वर्षा ने यह स्पष्ट कर दिया कि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो मानसून में स्थिति और बिगड़ सकती है।