भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा: नोएडा के पास HCL-Foxconn यूनिट को मंजूरी
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जेवर एयरपोर्ट के पास YEIDA में स्थापित होगी सेमीकंडक्टर यूनिट।
HCL और Foxconn का 3,700 करोड़ रुपये का संयुक्त निवेश।
हर माह 20,000 वेफर्स और 3.6 करोड़ चिप्स बनाने की क्षमता।
भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के नोएडा के पास जेवर एयरपोर्ट के नजदीक यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में सेमीकंडक्टर निर्माण यूनिट स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। यह यूनिट देश की प्रमुख आईटी कंपनी HCL और ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज Foxconn के साझा निवेश से तैयार की जाएगी।
यह यूनिट विशेष रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगी, जिनका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, कारों और अन्य डिजिटल उपकरणों की स्क्रीन में होता है। यह चिप तकनीक डिजिटल दुनिया की रीढ़ मानी जाती है, और अब भारत इस दिशा में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, यह सेमीकंडक्टर यूनिट हर महीने करीब 20,000 वेफर्स और 3.6 करोड़ चिप्स के उत्पादन की क्षमता रखेगी। इस पूरी परियोजना में लगभग 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यह न केवल देश की तकनीकी क्षमता को मजबूती देगा बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
यह देश की छठी सेमीकंडक्टर यूनिट होगी। इससे पहले पांच और यूनिट्स का निर्माण कार्य देश के विभिन्न हिस्सों में प्रगति पर है। सरकार का लक्ष्य है कि भारत को इस रणनीतिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जाए और वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक मज़बूत भागीदार के रूप में स्थापित किया जाए।
इसके अलावा सरकार देशभर में सेमीकंडक्टर डिजाइन से जुड़ी सुविधाओं का भी तेजी से विस्तार कर रही है। 270 से अधिक शिक्षण संस्थान और 70 से ज्यादा स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जहां छात्र और युवा उद्यमी अत्याधुनिक डिजाइन और प्रोटोटाइप पर कार्य कर रहे हैं। अब तक छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए गए 20 प्रोटोटाइप को SCL मोहाली में टेप आउट किया जा चुका है, जो इस क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाता है।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों जैसे मोबाइल, लैपटॉप, मेडिकल डिवाइसेज़ और रक्षा उपकरणों की बढ़ती मांग के मद्देनज़र, यह यूनिट न केवल आयात पर निर्भरता को कम करेगी बल्कि "मेक इन इंडिया" अभियान को भी मजबूत करेगी। इस परियोजना से स्थानीय उद्योग, लघु उद्यम और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार होगा।
सरकार का यह मानना है कि यह नई यूनिट भारत को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगी। Foxconn और HCL जैसी कंपनियों का सहयोग इस प्रयास में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को बढ़ाएगा।