असम में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही: 12 जिलों में भारी नुकसान, 8 लोगों की मौत
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असम में भारी बारिश से 12 जिलों में बाढ़ और भूस्खलन।
58091 लोग प्रभावित, 791 हेक्टेयर फसल डूबी।
राहत शिविरों में 7000 से अधिक लोग, 8 की मौत।
Guawahati / असम और उसके आस-पास के कई हिस्सों में लगातार और भारी बारिश के कारण हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। रविवार को असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई और सैकड़ों घर एवं खेत जलमग्न हो गए। गुवाहाटी शहर के कई हिस्सों में गंभीर जलभराव की स्थिति बनी रही, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, अब तक असम में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में कुल 8 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की 31 मई की रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ के कारण तीन लोगों की जान गई, जबकि पांच लोगों की मौत भूस्खलन में हुई। गोलाघाट जिले में बाढ़ में दो लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है, और लखीमपुर में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हुई। वहीं, कामरूप (मेट्रो) जिले में भूस्खलन की चपेट में आकर पांच लोगों की जान चली गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
राज्य के कुल 12 जिले — धेमाजी, दक्षिण सलमारा, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, दर्रांग, नागांव, कार्बी आंगलोंग, कामरूप, बिस्वनाथ, तिनसुकिया और पश्चिम कार्बी आंगलोंग — बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन जिलों के 20 राजस्व मंडलों के अंतर्गत 175 गांवों में बाढ़ की पहली लहर ने कहर बरपाया है। करीब 58,091 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 791.32 हेक्टेयर फसल भूमि पानी में डूब गई है।
जिला प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य शुरू करते हुए 16 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां लगभग 7,000 बाढ़ प्रभावित लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ से जानवरों को भी भारी नुकसान हुआ है — 194 जानवर बह गए और 75,918 पशुधन प्रभावित हुए हैं।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अग्निशमन एवं स्थानीय प्रशासन राहत-बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। बाढ़ के कारण 22 सड़कें, एक पुल, 3 तटबंध, सिंचाई नहरें, स्कूल भवन और आंगनवाड़ी केंद्र क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। शहरी इलाकों में भी संकट गहरा गया है, जहां डिब्रूगढ़, कामरूप, कछार जैसे जिलों में करीब 9,865 लोग शहरी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
असम की यह स्थिति आने वाले दिनों में और गंभीर हो सकती है यदि बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा।