केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव का नेपाल दौरा
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'सागरमाथा संवाद' वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए नेपाल सरकार द्वारा स्थापित एक वैश्विक संवाद मंच है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने 16 मई 2025 को आयोजित संवाद के उद्घाटन समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और जलवायु कार्रवाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में क्षेत्रीय प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
नई दिल्ली / भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव 15 से 17 मई 2025 तक तीन दिन की नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह 16 से 18 मई 2025 को काठमांडू में 'जलवायु परिवर्तन, पर्वत और मानवता का भविष्य' विषय पर नेपाल सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे "सागरमाथा संवाद" के पहले संस्करण में भाग लेंगे।
'सागरमाथा संवाद' वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए नेपाल सरकार द्वारा स्थापित एक वैश्विक संवाद मंच है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने 16 मई 2025 को आयोजित संवाद के उद्घाटन समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और जलवायु कार्रवाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में क्षेत्रीय प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अपनी यात्रा के दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने 16 मई 2025 को नेपाल के वन और पर्यावरण मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों देशों के मंत्रियों ने पर्यावरण के क्षेत्र में विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय पहलों में हुई प्रगति की समीक्षा की और भविष्य में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।
सागरमाथा संवाद 2025 से इतर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने नेपाल के विदेश मंत्री डॉ. आरज़ू राणा देउबा से मुलाकात की, जहाँ दोनों नेताओं ने पर्यावरण के क्षेत्र में भारत-नेपाल सहयोग को मजबूत करने पर एक उपयोगी चर्चा की।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने 16 मई 2025 को नेपाल के प्रधानमंत्री श्री के.पी. शर्मा ओली से भी मुलाकात की। उन्होंने उन्हें भारत के नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं दीं और सागरमाथा संवाद के पहले संस्करण के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। दोनों नेताओं ने भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों का उल्लेख किया, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सभ्यतागत और लोगों के बीच संबंधों में गहराई से निहित हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत-नेपाल सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
अपनी यात्रा के दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने नेपाल के ललितपुर जिले में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पाटन दरबार स्क्वायर के पास स्थित अदालत भवन और श्री जेष्ठ वर्ण महाविहार का भी दौरा किया। ये 2015 के विनाशकारी भूकंप के बाद भारत सरकार की सहायता से किए जा रहे 30 सांस्कृतिक क्षेत्र पुनर्निर्माण परियोजनाओं में से दो स्थान हैं।
सागरमाथा संवाद में भाग लेने और अन्य प्रमुख द्विपक्षीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री की नेपाल यात्रा ने दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखा है और हमारे द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय संबंधों को विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई के क्षेत्रों में और आगे बढ़ाने में मदद की है।