30 अप्रैल 2025 तक दूरसंचार सदस्यता डेटा की मुख्य विशेषताएं
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दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 30 अप्रैल 2025 तक की टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 119.5 करोड़ पहुंच गई है। इसमें 98% से अधिक वायरलेस ग्राहक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में संतुलित स्थिति बनी हुई है।
भारत में कुल टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 85.04% से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 85.19% हो गया। शहरी टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 131.45% से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 131.46% पहुंच गया जबकि इसी अवधि में ग्रामीण टेली-घनत्व भी 59.06% से बढ़कर 59.26% हो गया। अप्रैल-25 के अंत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं में शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी क्रमशः 55.42% और 44.58% रही।
नई दिल्ली / दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 30 अप्रैल 2025 तक की टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 119.5 करोड़ पहुंच गई है। इसमें 98% से अधिक वायरलेस ग्राहक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में संतुलित स्थिति बनी हुई है। रिलायंस जियो ने बाजार में अग्रणी स्थान बनाए रखा है, जबकि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया। इंटरनेट ग्राहकों की संख्या भी बढ़कर 90.7 करोड़ हो गई है, जो डिजिटल इंडिया की प्रगति को दर्शाता है।
30 अप्रैल 2025 तक दूरसंचार सदस्यता डेटा की मुख्य विशेषताएं
- अप्रैल 2025 माह में 13.48 मिलियन उपभोक्ताओं ने मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए अनुरोध किया।
- अप्रैल 2025 में सक्रिय वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की संख्या (शीर्ष वीएलआर # की तिथि पर ) 1072.73 मिलियन थी।
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टिप्पणी:
- * वायरलेस में 5जी एफडब्ल्यूए (फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) सदस्यता भी शामिल है।
- @ 'भारत एवं राज्यों की जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट 2011-2036' से जनसंख्या अनुमान के आधार पर।
- # वी.एल.आर. विज़िटर लोकेशन रजिस्टर का संक्षिप्त नाम है। विभिन्न टी.एस.पी. के लिए अधिकतम वी.एल.आर. की तिथियां अलग-अलग सेवा क्षेत्रों में अलग-अलग होती हैं।
- इस प्रेस विज्ञप्ति में दी गई जानकारी सेवा प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है।
- ब्रॉडबैंड ग्राहक
- अप्रैल 2025 में 1462 ऑपरेटरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मार्च 2025 में 1206 ऑपरेटरों की तुलना में कुल ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर (उपभोक्ता) मार्च 2025 के अंत में 944.12 मिलियन से घटकर अप्रैल 2025 के अंत में 943.09 मिलियन हो गए, जिसमें मासिक वृद्धि दर -0.11% रही। सेगमेंट-वार ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर (उपभोक्ता) और उनकी मासिक वृद्धि दर इस प्रकार है : -
अप्रैल 2025 के महीने में संवर्ग-वार ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर और मासिक वृद्धि दर
* रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और भारती एयरटेल लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट (नवंबर 2024) इंटरनेट सदस्यता डेटा के आधार पर विचार करते हुए यह रिपोर्ट तैयार की गई है, क्योंकि उन्होंने दिसंबर 2024 के बाद से निर्धारित रिपोर्ट प्रारूप में आवश्यक डेटा प्रस्तुत नहीं किया है।
30 अप्रैल 2025 तक शीर्ष पांच ब्रॉडबैंड
(वायर्ड + वायरलेस) सेवा प्रदाता
*नवंबर, 2024 के आंकड़ों के अनुसार
- ब्रॉडबैंड सेवाओं के सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी का ग्राफिकल प्रतिनिधित्व नीचे दर्शाया गया है: -
ब्रॉडबैंड का सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी
(वायर्ड + वायरलेस) 30 अप्रैल, 2025 तक सेवाएं
30 अप्रैल, 2025 तक, शीर्ष पांच फिक्स्ड (वायर्ड) ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता
*नवंबर, 2024 के आंकड़ों के अनुसार
30 अप्रैल, 2025 तक शीर्ष पांच वायरलेस (फिक्स्ड वायरलेस और मोबाइल) ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता
* नवंबर, 2024 के आंकड़ों के अनुसार
- वायरलाइन सब्सक्राइबर
- वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-25 के अंत में 37.04 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 37.41 मिलियन हो गई। वायरलाइन उपभोक्ता आधार में शुद्ध वृद्धि 0.37 मिलियन रही, जबकि मासिक वृद्धि दर 1.00% रही।
- भारत में कुल वायरलाइन दूरसंचार-घनत्व मार्च-25 के अंत में 2.62% से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 2.65% हो गया। इसी अवधि में शहरी और ग्रामीण वायरलाइन दूरसंचार-घनत्व क्रमशः 6.68% और 0.39% रहा । अप्रैल, 2024 के अंत में कुल वायरलाइन ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 90.61% और 9.39% रही।
- बीएसएनएल, एमटीएनएल और एपीएसएफएल-(आंध्र प्रदेश स्टेट फाइबरनेट लिमिटेड), तीन सार्वजनिक क्षेत्र की सेवा प्रदाताओं कम्पनियों के पास 30 अप्रैल 2025 तक वायरलाइन बाजार हिस्सेदारी का 27.40% हिस्सा रहा। वायरलाइन ग्राहक आधार के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-I में दर्शाए गए हैं।
वायरलाइन उपभोक्ताओं की एक्सेस सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी
30 अप्रैल, 2025 तक
अप्रैल, 2025 माह के दौरान एक्सेस सेवा प्रदातावार वायरलाइन उपभोक्ताओं की शुद्ध वृद्धि/कमी
- वायरलेस (मोबाइल + 5जी एफडब्ल्यूए) उपभोक्ता
- कुल वायरलेस (मोबाइल + 5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक मार्च-25 के अंत में 1,163.76 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 1,166.43 मिलियन हो गए, जिससे मासिक वृद्धि दर 0.23% दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में कुल वायरलेस सेवा उपयोगकर्ता मार्च-25 के अंत में 632.57 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 633.29 मिलियन हो गया। इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में वायरलेस सेवा उपयोगकर्ता भी 531.18 मिलियन से बढ़कर 533.14 मिलियन हो गए। शहरी और ग्रामीण वायरलेस सब्सक्रिप्शन की मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.11% और 0.37% रही।
- भारत में वायरलेस टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 82.42% से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 82.54% हो गया। शहरी वायरलेस टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 124.83% से घटकर अप्रैल-25 के अंत में 124.78% पर आ गया। इसी अवधि में ग्रामीण टेली-घनत्व 58.67% से बढ़कर 58.87% रहा। अप्रैल-25 के अंत में कुल वायरलेस ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.29% और 45.71% रही।
- वायरलेस (मोबाइल और 5जी एफडब्ल्यूए) उपभोक्ताओं का विवरण नीचे दिया गया है:
(ए) वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक
- कुल वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-25 के अंत में 1,156.99 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 1,158.93 मिलियन हो गई और मासिक वृद्धि दर 0.17% दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-25 के अंत में 628.31 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 628.57 मिलियन हो गई और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या भी 528.68 मिलियन से बढ़कर 530.36 मिलियन पहुंच गई। शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.04% और 0.32% रही।
- भारत में वायरलेस (मोबाइल) टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 81.94% से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 82.01% पहुंच गया। शहरी वायरलेस टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 123.99% से नीचे आकर अप्रैल-25 के अंत में 123.85% रह गया। इसी अवधि में ग्रामीण टेली-घनत्व 58.40% से बढ़कर 58.57% पहुंच गया। अप्रैल 2025 के अंत में कुल वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.24% और 45.76% रही।
वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ता आधार के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-II में दर्शाए गए हैं।
• 30 अप्रैल 2025 तक, निजी सेवा प्रदाताओं के पास वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की 92.08% बाजार हिस्सेदारी रही, जबकि दो सार्वजनिक क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं, बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी केवल 7.92% रही।
- सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी और वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ता आधार में शुद्ध वृद्धि का ग्राफिक्स स्वरूप में नीचे दर्शाया गया है: -
30 अप्रैल 2025 तक वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं के संदर्भ में सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी
अप्रैल, 2025 माह में सेवा प्रदाताओं के वायरलेस (मोबाइल) एस ग्राहकों में शुद्ध वृद्धि/कमी
वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं में वृद्धि
अप्रैल, 2025 माह में प्रमुख सेवा प्रदातावार वायरलेस उपभोक्ताओं की मासिक वृद्धि/गिरावट दर
अप्रैल, 2025 माह में वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की सेवा क्षेत्रवार मासिक वृद्धि/गिरावट दर
- कोलकाता, पंजाब और मुंबई को छोड़कर अन्य सभी सेवा क्षेत्रों में अप्रैल-25 माह के दौरान वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि रही।
(बी) वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक
- कुल वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों की संख्या मार्च-25 के अंत में 6.77 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 7.50 मिलियन हो गई, जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों की संख्या क्रमशः 4.72 मिलियन और 2.77 मिलियन रही।
- अप्रैल-25 के अंत तक कुल वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 63.01% और 36.99% रही। वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक आधार के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-V में उपलब्ध हैं।
- मशीन टू मशीन सेलुलर मोबाइल कनेक्शन
मशीन टू मशीन सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की संख्या मार्च, 2025 के अंत में 66.54 मिलियन से बढ़कर अप्रैल, 2025 के अंत में 69.87 मिलियन हो गई।
भारती एयरटेल लिमिटेड के पास सबसे अधिक 37.28 मिलियन मशीन टू मशीन सेलुलर मोबाइल कनेक्शन हैं, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 53.35% है, इसके बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी क्रमशः 23.64%, 18.24% और 4.77% रही।
- कुल टेलीफोन उपभोक्ता
- भारत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-25 के अंत में 1,200.80 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 1,203.84 मिलियन हो गई, जिससे मासिक वृद्धि दर 0.25% देखी गई। शहरी टेलीफोन उपभोक्ता मार्च-25 के अंत में 666.11 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 667.19 मिलियन हो गए जबकि इसी अवधि में ग्रामीण उपभोक्ता भी 534.69 मिलियन से बढ़कर 536.65 मिलियन हो गए। अप्रैल, 2025 के माह में शहरी और ग्रामीण टेलीफोन उपभोक्ताओं की मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.16% और 0.37% रही।
- भारत में कुल टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 85.04% से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 85.19% हो गया। शहरी टेली-घनत्व मार्च-25 के अंत में 131.45% से बढ़कर अप्रैल-25 के अंत में 131.46% पहुंच गया जबकि इसी अवधि में ग्रामीण टेली-घनत्व भी 59.06% से बढ़कर 59.26% हो गया। अप्रैल-25 के अंत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं में शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी क्रमशः 55.42% और 44.58% रही।
कुल टेली-घनत्व (स्थानीय सेवा क्षेत्र-एलएसए वार) – 30 अप्रैल, 2025 तक
- जैसा कि ऊपर दिए गए चार्ट में देखा जा सकता है, आठ स्थानीय सेवा क्षेत्र में अप्रैल-25 के अंत में अखिल भारतीय औसत टेली-घनत्व से कम टेली-घनत्व है। दिल्ली सेवा क्षेत्र में अप्रैल-25 के अंत में अधिकतम टेली-घनत्व 276.75% रहा जबकि बिहार सेवा क्षेत्र में न्यूनतम टेली-घनत्व 57.37% रहा।
टिप्पणियां: -
- जनसंख्या आंकड़े/अनुमान केवल राज्यवार उपलब्ध हैं।
- टेली-घनत्व के आंकड़े सेवा प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध टेलीफोन उपभोक्ता आंकड़ों और "भारत और राज्यों की जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट 2011-2036" के जनसंख्या अनुमान से प्राप्त किए गए हैं।
- दिल्ली के लिए टेलीफोन उपभोक्ता आंकड़े में, दिल्ली राज्य के आंकड़े के अलावा, गाजियाबाद और नोएडा (उत्तर प्रदेश में) और गुड़गांव और फरीदाबाद (हरियाणा में) स्थानीय एक्सचेंजों द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले क्षेत्रों के लिए वायरलेस उपभोक्ता आंकड़े भी शामिल है।
- पश्चिम बंगाल के लिए आंकड़े/सूचना में कोलकाता, महाराष्ट्र के लिए मुंबई तथा उत्तर प्रदेश के लिए यूपीई एवं यूपीडब्ल्यू सेवा क्षेत्र शामिल हैं।
- आंध्र प्रदेश के आंकड़े/जानकारी में तेलंगाना, मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़, बिहार में झारखंड, महाराष्ट्र में गोवा, उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल में सिक्किम और पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा शामिल हैं।
- ग्राहक आधार में श्रेणीवार वृद्धि
अप्रैल, 2025 में टेलीफोन उपभोक्ताओं में सर्किल श्रेणीवार शुद्ध वृद्धि
* वायरलेस में 5जी एफडब्ल्यूए सदस्यता भी शामिल है
अप्रैल, 2025 में टेलीफोन उपभोक्ताओं में सर्किल श्रेणीवार मासिक और वार्षिक वृद्धि दर
* वायरलेस में 5जी एफडब्ल्यूए सदस्यता भी शामिल है।
नोट: सर्किल संवर्ग-मेट्रो में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता शामिल हैं। चेन्नई के आंकड़े को तमिलनाडु के हिस्से के रूप में सर्किल संवर्ग-ए में शामिल किया गया है।
- उपरोक्त तालिकाओं के अनुसार वायरलेस संवर्ग में, अप्रैल 2025 के दौरान, मासिक आधार पर, 'मेट्रो' को छोड़कर सभी सर्किलों में ग्राहक आधार में वृद्धि रही है जबकि वार्षिक आधार पर, सर्किल 'सी' को छोड़कर, अन्य सभी सर्किल में इसमें गिरावट दर्ज की गई है।
- वायरलाइन संवर्ग में, अप्रैल-2025 के दौरान, मासिक और वार्षिक आधार पर, सभी सर्किल में ग्राहक आधार में बढ़ोतरी रही है।
- कुल 1158.93 मिलियन वायरलेस सब्सक्राइबर में से, 1072.73 मिलियन वायरलेस सब्सक्राइबर अप्रैल-25 महीने में पीक वीएलआर की तिथि में सक्रिय रहे। सक्रिय वायरलेस सब्सक्राइबरों का अनुपात कुल वायरलेस सब्सक्राइबर बेस का लगभग 92.56% रहा।
- अप्रैल, 2025 माह में अधिकतम वीएलआर की तिथि पर सक्रिय वायरलेस उपभोक्ताओं (जिन्हें वीएलआर उपभोक्ता भी कहा जाता है) के अनुपात के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-III में दर्शाए गए हैं तथा वीएलआर उपभोक्ताओं की गणना के लिए प्रयुक्त पद्धति अनुलग्नक-IV में दर्शाए गए है।
एक्सेस सेवा प्रदाता-वार वीएलआर ग्राहकों का प्रतिशत
अप्रैल, 2025 में
- अप्रैल-25 में पीक वीएलआर की तिथि पर रिलायंस कम्युनिकेशन के कुल वायरलेस सब्सक्राइबर (एचएलआर) के मुकाबले उसके सक्रिय वायरलेस सब्सक्राइबर (वीएलआर) का अनुपात अधिकतम (100%) रहा। इसी अवधि में एमटीएनएल के एचएलआर में वीएलआर का अनुपात न्यूनतम ( 47.27%) रहा।
सेवा क्षेत्रवार वीएलआर उपभोक्ता प्रतिशत
अप्रैल, 2025 में
- मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी)
- मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) हरियाणा सेवा क्षेत्र में 25.11.2010 से तथा देश के बाकी हिस्सों में 20.01.2011 से लागू की गई। आरंभ में यह केवल उसी लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र (एलएसए) के लिए उपलब्ध थी। देश में 03.07.2015 से अंतर-सेवा क्षेत्र एमएनपी लागू किया गया है, जिससे वायरलेस उपभोक्ताओं को एक सेवा क्षेत्र से दूसरे सेवा क्षेत्र में जाने पर अपना मोबाइल नंबर बनाए रखने की सुविधा मिलती है।
- अप्रैल-2025 के दौरान एमएनपी के लिए कुल 13.48 मिलियन अनुरोध प्राप्त हुए। कुल 13.48 मिलियन में से जोन-I और जोन-II से प्राप्त नए अनुरोध क्रमशः 7.60 मिलियन और 5.88 मिलियन रहे।
- एमएनपी जोन-I (उत्तरी और पश्चिमी भारत) में, अब तक सबसे अधिक अनुरोध उत्तर प्रदेश-पूर्व (113.81 मिलियन) में प्राप्त हुए हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र (91.80 मिलियन) सेवा क्षेत्र का स्थान है।
- एमएनपी जोन-II (दक्षिणी और पूर्वी भारत) में, अब तक सबसे अधिक अनुरोध मध्य प्रदेश (89.58 मिलियन) में प्राप्त हुए हैं, जिसके बाद कर्नाटक (74.10 मिलियन) का स्थान है।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए संपर्क विवरण: -
नोट: कुछ सेवा प्रदाताओं के कुछ सर्किलों में अधिकतम वीएलआर आंकड़े, इनरोमर्स की बड़ी संख्या के कारण, उनके होम लोकेशन रजिस्टर आंकड़ों से अधिक हैं।
अनुलग्नक IV
वायरलेस सेगमेंट में वीएलआर ग्राहक
होम लोकेशन रजिस्टर एक केंद्रीय डेटाबेस है जिसमें प्रत्येक मोबाइल फोन ग्राहक का विवरण दिया रहता है जो जीएसएम कोर नेटवर्क का उपयोग कर सकता है। होम लोकेशन रजिस्टर सेवा प्रदाता द्वारा जारी किए गए प्रत्येक सिम कार्ड का विवरण संग्रहित करते हैं। प्रत्येक सिम में एक अद्वितीय पहचान होती है जिसे अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान (आईएमएसआई) कहा जाता है, जो प्रत्येक होम लोकेशन रजिस्टर रिकॉर्ड की प्राथमिक कुंजी है। होम लोकेशन रजिस्टर डेटा तब तक संग्रहित किया जाता है जब तक कोई ग्राहक सेवा प्रदाता से जुड़ा रहता है। होम लोकेशन रजिस्टर प्रशासनिक क्षेत्रों में उनकी स्थिति को अपडेट करके ग्राहकों की गतिशीलता का प्रबंधन भी करता है। यह ग्राहक डेटा को विज़िटर लोकेशन रजिस्टर (वीएलआर) में भेजता है।
सेवा प्रदाताओं द्वारा सूचित ग्राहक संख्या, सेवा प्रदाता के एचएलआर में पंजीकृत आईएमएसआई की संख्या और अन्य आंकड़ों के योग के बीच का अंतर है, जैसा कि नीचे दर्शाया गया है: -
विज़िटर लोकेशन रजिस्टर (वीएलआर) उन सब्सक्राइबरों का एक अस्थायी डेटाबेस है जो उस विशेष क्षेत्र में घूमे हैं, जिसमें यह सेवारत है। नेटवर्क में प्रत्येक बेस स्टेशन को ठीक एक वीएलआर द्वारा सेवा दी जाती है; इसलिए एक सब्सक्राइबर एक समय में एक से अधिक वीएलआर में मौजूद नहीं हो सकता।
यदि ग्राहक सक्रिय अवस्था में है, यानी वह कॉल/एसएमएस भेजने/प्राप्त करने में सक्षम है, तो वह एचएलआर और वीएलआर दोनों में उपलब्ध है। हालांकि, यह संभव हो सकता है कि ग्राहक एचएलआर में पंजीकृत हो, लेकिन वीएलआर में नहीं, क्योंकि वह या तो स्विच-ऑफ है या कवरेज क्षेत्र से बाहर चला गया है या सेवा पहुंच योग्य नहीं है आदि। ऐसी परिस्थितियों में वह एचएलआर में उपलब्ध होगा, लेकिन वीएलआर में नहीं। इससे एचएलआर के आधार पर सेवा प्रदाताओं द्वारा बताई गई ग्राहक संख्या और वीएलआर में उपलब्ध संख्याओं के बीच अंतर आ सकता है।
यहां परिकलित वी.एल.आर. सब्सक्राइबर डेटा उस विशेष महीने के वी.एल.आर. में पीक सब्सक्राइबर संख्या की तिथि पर वी.एल.आर. में सक्रिय सब्सक्राइबरों पर आधारित है जिसके लिए डेटा एकत्र किया जा रहा है। यह डेटा उन स्विचों से लिया जाना है जिनका पर्ज टाइम (आमतौर पर डेटा या जानकारी को हटाने, मिटाने, या साफ करने के लिए उपयोग किया जाने वाला समय है) 72 घंटे से अधिक नहीं है।