अहमदाबाद में चंडोला तालाब पर बड़ा डिमोलिशन: 8 हजार अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त, 3 हजार पुलिसकर्मी तैनात

Tue 20-May-2025,01:51 PM IST +05:30

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अहमदाबाद में चंडोला तालाब पर बड़ा डिमोलिशन: 8 हजार अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त, 3 हजार पुलिसकर्मी तैनात अहमदाबाद में चंडोला तालाब पर बड़ा डिमोलिशन: 8 हजार अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त, 3 हजार पुलिसकर्मी तैनात
  • अहमदाबाद में तीन दिन का मेगा डिमोलिशन ऑपरेशन शुरू।

  • 8 हजार से ज्यादा अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त।

  • बांग्लादेशी नागरिकों की गैरकानूनी मौजूदगी से प्रशासन सतर्क।

Gujarat / Ahmedabad :

अहमदाबाद के चंडोला तालाब क्षेत्र में एक बार फिर से बड़े स्तर पर डिमोलिशन अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में अहमदाबाद नगर निगम की 50 टीमें और 3 हजार से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं। तीन दिन तक चलने वाले इस ऑपरेशन में करीब 8 हजार से अधिक अवैध निर्माणों को तोड़ा जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत 2.5 लाख स्क्वायर मीटर क्षेत्र को खाली कराने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले पहले चरण में 4 हजार निर्माण हटाए गए थे, जिससे 1.5 लाख स्क्वायर मीटर जमीन मुक्त कराई गई थी।

इस डिमोलिशन का दूसरा चरण नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बाद शुरू हुआ है। इस सर्वे में पाया गया कि चंडोला तालाब क्षेत्र में लगभग 8 हजार निर्माण अवैध रूप से किए गए हैं। इन्हें खाली करने के लिए पहले ही नोटिस दिए जा चुके थे। नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि 2010 से पहले यहां रह रहे लोगों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए आवेदन फॉर्म वितरित किए गए हैं और पात्र लोगों को नियमों के अनुसार नया आवास दिया जाएगा।

प्रशासन ने डिमोलिशन के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की है। इस ऑपरेशन में एक जेसीपी, एक एडीसीपी, 6 डीसीपी, कई एसीपी और पीआई के साथ-साथ 25 एसआरपी कंपनियां भी तैनात की गई हैं। यह डिमोलिशन इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में यहां से 250 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 207 इसी क्षेत्र में स्थित अवैध निर्माणों में रह रहे थे। इन लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप हैं। पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक के अनुसार, यह क्षेत्र अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के अड्डे के रूप में विकसित हो गया था।

इससे पहले 2009 में भी यहां ऐसे ही 95 अवैध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे और तब भी डिमोलिशन की कार्रवाई की गई थी। पहले चरण के दौरान कुछ स्थानीय निवासियों ने गुजरात हाईकोर्ट में डिमोलिशन पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने सभी निर्माणों को अवैध ठहराते हुए प्रशासन को कार्यवाही की अनुमति दी थी।

अब प्रशासन यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि तालाब के आसपास दोबारा अवैध निर्माण न हो सके। खाली कराए गए क्षेत्र की नियमित निगरानी और कानूनी कार्यवाही के जरिये दोबारा अतिक्रमण रोकने की योजना बनाई गई है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य तालाब की मूल संरचना को पुनः प्राप्त करना और सार्वजनिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराना है।