भारत ने एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी मज़बूत स्थिति दर्ज कराई है। जापान को पछाड़कर अब भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इस बड़ी आर्थिक उपलब्धि का असर घरेलू शेयर बाजार पर भी साफ़ दिखा। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 747.66 अंक यानी 0.91% की बढ़त के साथ 82,468.74 अंक पर पहुंच गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 218.10 अंक यानी 0.88% चढ़कर 25,071.25 के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा।
कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 208 अंकों की बढ़त के साथ 81,928.95 पर खुला और दिन के उच्चतम स्तर 82,492.24 तक गया। निफ्टी भी 66 अंकों की बढ़त के साथ 24,919.35 पर खुला और 25,079.20 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की रैंकिंग में इस उछाल से न केवल घरेलू निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि यह विदेशी निवेशकों को भी देश की ओर आकर्षित करेगा। मजबूत आर्थिक नींव, सतत सुधारों और वैश्विक मंदी के बावजूद स्थिर विकास दर ने भारत को इस मुकाम तक पहुंचाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा भी शेयर बाजार के लिए सकारात्मक साबित हुई। यह आंकड़ा विश्लेषकों की उम्मीद से कहीं ज्यादा है, जिससे सरकार के राजकोषीय प्रबंधन को मज़बूती मिली है। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने के प्रस्ताव को फिलहाल 9 जुलाई तक टाल देने की खबर ने वैश्विक व्यापारिक तनाव को अस्थायी रूप से कम कर दिया है।
इस फैसले का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा, विशेष रूप से बैंकिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेशकों की भारी खरीदारी देखने को मिली। उम्मीद की जा रही है कि यदि यह फैसला स्थायी रूप से टलता है, तो वैश्विक व्यापार और भारत के निर्यात को बड़ा समर्थन मिलेगा। इससे कंपनियों के मुनाफे और निवेश की संभावना में इज़ाफा होगा, जो भविष्य में बाजार को और ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। भारत की यह आर्थिक छलांग देश को एक मजबूत निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।