पूर्वोत्तर भारत में मॉनसूनी बारिश का कहर, बाढ़ और भूस्खलन से हालात गंभीर

Mon 02-Jun-2025,04:31 PM IST +05:30

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पूर्वोत्तर भारत में मॉनसूनी बारिश का कहर, बाढ़ और भूस्खलन से हालात गंभीर पूर्वोत्तर भारत में मॉनसूनी बारिश का कहर, बाढ़ और भूस्खलन से हालात गंभीर
  • पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित।

  • असम में ब्रह्मपुत्र समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर।

  • मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी दी।

Assam / Guwahati :

Assam / पूर्वोत्तर भारत में मॉनसूनी बारिश का प्रभाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। असम, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। अब तक 14 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि असम में 78 हजार से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। असम की 10 प्रमुख नदियाँ, जिनमें ब्रह्मपुत्र भी शामिल है, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2 जून 2025 को सुबह जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसके अनुसार अगले एक सप्ताह तक पूर्वोत्तर भारत के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बना रहेगा। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कई क्षेत्रों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और 115.6 से 204.4 मिमी तक बारिश होने की आशंका जताई गई है।

अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरज-चमक के साथ 64.5 से 115.5 मिमी तक बारिश हो सकती है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और विदर्भ के कुछ हिस्सों में भी आज गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। वहीं, आंध्र प्रदेश, बिहार, ओडिशा और तेलंगाना में तूफानी हवाएं और बिजली कड़कने की घटनाएं हो सकती हैं।

केरल और माहे में 2 से 4 जून के दौरान गरज के साथ भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता बढ़ रही है और इसकी उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, पुरी और बालुरघाट तक पहुंच चुकी है।

मछुआरों को चेतावनी दी गई है कि वे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के विभिन्न हिस्सों में न जाएं क्योंकि यहां 45 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। ये हवाएं समुद्री गतिविधियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।

उधर, उत्तर भारत में भी मौसम ने करवट ली है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की तूफानी हवाएं चलने और गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में भारी बारिश हो सकती है।

तापमान की बात करें तो अगले दो दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा लेकिन फिर इसमें 3-4 डिग्री की गिरावट आ सकती है। पूर्वी भारत में तापमान में 2-4 डिग्री की बढ़ोतरी का अनुमान है। एक जून को श्रीगंगानगर, राजस्थान में अधिकतम तापमान 41.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जबकि पेंड्रा रोड, छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम की यह उथल-पुथल आने वाले दिनों में जनजीवन और अधिक प्रभावित कर सकती है। सरकारी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और नागरिकों को सावधानी बरतने की अपील की गई है।