रेल किराया वृद्धि पर विवाद: नई दरें लागू, मायावती ने उठाए सवाल
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रेलवे ने 1 जुलाई से किराया बढ़ोतरी की नई दरें लागू कीं।
500 किमी से कम यात्रा पर कोई असर नहीं, लंबी दूरी पर बढ़ोतरी।
मायावती ने किराया वृद्धि को आमजन विरोधी बताया।
New Delhi/Lucknow, 1 जुलाई 2025 — भारतीय रेलवे द्वारा आज से लागू किए गए नए किराया ढांचे को लेकर जहां एक ओर सरकार ने इसे "आवश्यक और संतुलित संशोधन" बताया है, वहीं विपक्ष खासकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने इस कदम को गरीब जनता पर अतिरिक्त बोझ करार दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता और रेलवे बोर्ड में सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि नया किराया केवल 1 जुलाई 2025 और उसके बाद बुक किए गए टिकटों पर लागू होगा। पहले से बुक किए गए टिकटों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। किराया वृद्धि केवल 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर लागू होगी।
दिलीप कुमार ने बताया कि—
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जनरल (सेकेंड) क्लास में आधा पैसा प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाया गया है।
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स्लीपर क्लास में 1 पैसा प्रति किलोमीटर, और
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एसी क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है।
हालांकि, उपनगरीय (Suburban) ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है। साथ ही मासिक और त्रैमासिक पासों की दरें भी यथावत रखी गई हैं। रेल मंत्रालय का कहना है कि यह बदलाव यात्रियों की सुविधाओं और रेलवे के संचालन के आर्थिक सुधारों की दिशा में एक कदम है।
दूसरी ओर, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इस किराया वृद्धि को आम जनता पर एक और बोझ बताया है। उन्होंने कहा—
“देश के अधिकांश लोग महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और कम आमदनी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में केंद्र सरकार द्वारा रेल किराया बढ़ाना आम जनहित के खिलाफ है। यह फैसला संवैधानिक कल्याणकारी राज्य की भावना के विपरीत और एक व्यावसायिक सोच का प्रतीक प्रतीत होता है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार "राष्ट्र प्रथम" के नाम पर GST की तरह रेलवे को भी आम लोगों के शोषण का माध्यम बना रही है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि इस पर पुनर्विचार कर जनता को राहत दी जाए।
मायावती ने यह भी कहा कि—
"आज जब करोड़ों लोग सम्मानजनक रोजगार के अभाव में पलायन को मजबूर हैं, उनके लिए रेल यात्रा कोई शौक या पर्यटन नहीं, बल्कि एक आवश्यक व पीड़ादायक सफर है। ऐसे में किराया बढ़ाना सामाजिक संवेदनशीलता की अवहेलना है।”
आरक्षण चार्टिंग और आधार से जुड़े नए नियम
रेल मंत्रालय ने इसके साथ ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार प्रमाणीकृत IRCTC खाता अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा, आरक्षण चार्टिंग की समय-सारणी में भी बदलाव किया गया है। अब चार्ट गाड़ी के रवाना होने से आठ घंटे पहले बनाया जाएगा (पहले यह चार घंटे था)। यदि ट्रेन दोपहर 2 बजे या उससे पहले रवाना होती है, तो उसका चार्ट पिछली रात 9 बजे तैयार होगा।
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि इन कदमों का उद्देश्य प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और आधुनिक बनाना है।
निष्कर्ष
जहां एक ओर रेलवे अपने वित्तीय घाटे और सुधार योजनाओं को संतुलित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं यह स्पष्ट है कि इस कदम का सीधा असर आम यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। विपक्ष की चिंताओं को नजरअंदाज करना शायद राजनीतिक रूप से नुकसानदेह हो सकता है, खासकर उस समय जब देश आर्थिक दबावों से गुजर रहा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि केंद्र सरकार इस आलोचना को कैसे संबोधित करती है — सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ती है या फिर जनमत को देखते हुए कुछ बदलाव करती है।