सेना प्रमुखों का चिंतन 2025: ऑपरेशन सिंदूर, सैन्य आधुनिकीकरण और रणनीतिक संवाद

Wed 18-Jun-2025,11:03 AM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

सेना प्रमुखों का चिंतन 2025: ऑपरेशन सिंदूर, सैन्य आधुनिकीकरण और रणनीतिक संवाद पूर्व सेना प्रमुखों संग ऑपरेशन सिंदूर पर गहन विचार-विमर्श, सैन्य सुधारों और विकसित भारत @2047 की दिशा में भारतीय सेना की रणनीति।
  • ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रित सामरिक वार्ता

  • सेना के आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नयन की समीक्षा

  • पूर्व सेना प्रमुखों के सुझावों से भविष्य की रणनीति तैयार

Delhi / New Delhi :

New Delhi / थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और पूर्व सेना प्रमुखों (सीएसओएएस) का दो दिवसीय सुव्यवस्थित विचार-विमर्श कार्यक्रम सेना प्रमुखों का चिंतन आज नई दिल्ली में शुरू हुआ।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य पूर्व सेना प्रमुखों के संस्थागत अनुभव और ज्ञान का लाभ उठाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इस अवसर पर जनरल द्विवेदी ने पूर्व सेना प्रमुखों का स्वागत किया और भारतीय सेना के लिए किये जा रहे आमूलचूल परिवर्तन व भविष्य की रूपरेखा को आकार देने में उनकी निरंतर भागीदारी के महत्व को उजागर किया।

आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रित व्यापक सैन्य कार्रवाई आधारित वार्ता थी, जिसमें भारतीय वायु सेना और नौसेना के मध्य समन्वित संचालन भी शामिल था। इस ऑपरेशन के क्रियान्वयन, रणनीतिक प्रभाव एवं सहभागिता के मॉडल को विस्तार से प्रस्तुत किया गया ताकि इसकी प्रासंगिक समझ प्रदान की जा सके और पूर्व सेना प्रमुखों से उनके विचारों को जाना जा सके। पूर्व सेना प्रमुखों को परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों और आधुनिकीकरण गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी गई। सम्मेलन के दौरान नियोजित अन्य चर्चाएं इस प्रकार हैं: -

तकनीकी पहल: तकनीक अवशोषण की दिशा में किए जा रहे प्रयास।

विकसित भारत @2047: विकसित भारत के लक्ष्यों में भारतीय सेना के योगदान पर भी चर्चा की जा रही है।

मानव संसाधन एवं पूर्व सैनिक कल्याण: मानव संसाधन नीतियों में सुधार और भूतपूर्व सैनिकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की पहल पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

पूर्व सेना प्रमुखों ने क्षमता वृद्धि एवं संगठनात्मक सुधार की दिशा में भारतीय सेना के चल रहे प्रयासों में योगदान देने वाले उपयोगी विचार रखे और सिफारिशें साझा कीं। यह संवाद भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से सैन्य नेतृत्व की निरंतरता और सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।