भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों का ऐलान हो गया है, और इसमें देश के करोड़ों लोन धारकों के लिए बड़ी राहत सामने आई है। RBI ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। इस बार केंद्रीय बैंक ने 50 बेसिस पॉइंट यानी 0.50% की कटौती करते हुए रेपो रेट को 6% से घटाकर 5.50% कर दिया है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में भी 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी।
इस कटौती का सीधा असर बैंक लोन और EMI पर पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ग्राहक ने 50 लाख रुपये का होम लोन 30 साल के लिए 9% की ब्याज दर पर लिया है, तो उसकी EMI पहले 40,231 रुपये बनती थी। अब 0.50% की रेपो रेट कटौती के बाद यही EMI घटकर 38,446 रुपये हो जाएगी, यानी हर महीने करीब 2,000 रुपये की बचत होगी।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि इस कटौती के साथ SDF रेट को भी 5.75% से घटाकर 5.25% कर दिया गया है, जबकि MSF रेट 6.25% से घटाकर 5.75% किया गया है। इसके अलावा कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को 4% से घटाकर 3% कर दिया गया है। इससे बैंकों को अधिक लिक्विडिटी मिलेगी, जिससे कर्ज सस्ता हो सकता है।
गवर्नर ने कहा कि FY26 में महंगाई अनुमान 3.7% रहेगा, जो पहले 4% था। वहीं GDP ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो दर्शाता है कि रिजर्व बैंक को देश की आर्थिक गति पर भरोसा है। FY26 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 6.5%, दूसरी में 6.7%, तीसरी में 6.6% और चौथी में 6.3% रहने का अनुमान है।
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि RBI ने अपनी मौद्रिक नीति का रुख Accommodative से बदलकर Neutral कर दिया है। इसका मतलब है कि अब रिजर्व बैंक ब्याज दरों को लेकर कोई भी निर्णय लेते समय ज्यादा सतर्क रहेगा।
यह फैसला आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने और महंगाई पर नियंत्रण रखने की दोहरी जिम्मेदारी के तहत लिया गया है। साथ ही, यह दर्शाता है कि RBI वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए आम नागरिकों को राहत देने की दिशा में काम कर रहा है।