ईरान-इजरायल युद्ध: 1500 छात्र फंसे, relocation की तैयारी में जुटी भारत सरकार
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भारत सरकार ने ईरान में फंसे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाए।
छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और आर्मेनिया भेजने पर विचार जारी।
विदेश मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
Iran / ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने ईरान में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से संबंध रखने वाले युवाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। भारत सरकार ने ईरान में फंसे छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और संभावित रूप से आर्मेनिया में रिलोकेट करने के लिए अनुमति मांगी है।
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि तेहरान स्थित भारतीय दूतावास लगातार ईरान में छात्रों के संपर्क में है और स्थिति पर करीबी निगरानी रखी जा रही है। कुछ मामलों में छात्रों को दूतावास की सहायता से ईरान के भीतर ही सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है, और अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क कर केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों की सुरक्षा की चिंता साझा की। जवाब में केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि कश्मीरी छात्रों सहित सभी भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। इस समय ईरान में करीब 1,500 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकांश जम्मू-कश्मीर से हैं।
श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने भी ‘एक्स’ पर बताया कि तेहरान स्थित हुजत दोस्त अली छात्रावास पर इजरायली हमला हुआ, जिसमें कई कश्मीरी छात्र रह रहे थे और कुछ को मामूली चोटें भी आई हैं। उन्होंने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने या हवाई मार्ग खुलने पर उन्हें निकालने की मांग की।
भारत सरकार और विदेश मंत्रालय दोनों ही ईरान में फंसे छात्रों की सुरक्षित निकासी और उन्हें शांतिपूर्ण स्थानों तक पहुंचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं।