अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का फैसला आया 2 साल 8 महीने बाद

Fri 30-May-2025,07:56 PM IST +05:30

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अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का फैसला आया 2 साल 8 महीने बाद उत्तराखंड: अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का फैसला 2 साल 8 महीने बाद आया
  • अंकिता हत्याकांड में तीनों दोषियों को उम्रकैद।

  • पुलकित आर्य समेत सभी आरोपियों पर 72-72 हजार जुर्माना।

  • कोर्ट ने पीड़ित परिवार को चार लाख प्रतिकर देने का आदेश।

Uttarakhand / Dehradun :

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, उसके सहयोगी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी मानते हुए सजा दी। कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 72-72 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही, राज्य सरकार की प्रतिकर योजना के तहत पीड़िता के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया गया है।

यह हत्याकांड 18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में हुआ था, जहां 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अंकिता पर रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य द्वारा ‘वीआईपी’ मेहमानों को अवैध सेवाएं देने का दबाव डाला जा रहा था, जिसे उसने ठुकरा दिया। इसके बाद पुलकित ने अपने कर्मचारियों सौरभ और अंकित के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया। 24 सितंबर 2022 को उसका शव बरामद हुआ।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण डूबना बताया गया, लेकिन शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए। इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित की गई थी, जिसने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और 97 गवाहों को शामिल किया। ट्रायल के दौरान 47 गवाहों ने अदालत में बयान दर्ज कराए। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया।

इस मामले ने उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल भी पैदा की, क्योंकि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, बीजेपी के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है। पार्टी ने तत्काल प्रभाव से विनोद आर्य को बाहर कर दिया था और रिजॉर्ट को बुलडोजर से गिरा दिया गया। राज्यभर में कोटद्वार, पौड़ी, ऋषिकेश और देहरादून में जनता का आक्रोश सड़कों पर देखा गया।

पीड़ित परिवार ने CBI जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने पुलिस जांच को संतोषजनक मानते हुए सीबीआई जांच की मांग ठुकरा दी।

यह फैसला न्याय प्रणाली में विश्वास को मजबूती देने वाला है और समाज को यह संदेश देता है कि किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध को बख्शा नहीं जाएगा।