Maharashtra Assembly मानसून सत्र: विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला
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ठाणे सुरंग परियोजना में घोटाले का विपक्ष का आरोप।
सोयाबीन खरीद में अनियमितताओं को लेकर सदन में हंगामा।
ड्रग माफिया पर कड़ा कानून लाने की तैयारी: फडणवीस।
Mumbai / महाराष्ट्र में विधानसभा और विधान परिषद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है, और इसकी शुरुआत से ही विपक्ष सरकार पर आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। सदन के भीतर और बाहर, विपक्षी दल सरकार पर भ्रष्टाचार, पारदर्शिता की कमी, किसानों के साथ अन्याय और माफिया तंत्र को बढ़ावा देने जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
सबसे बड़ा मुद्दा ठाणे सुरंग परियोजना से जुड़ा है, जिसमें विपक्ष ने 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों ने बुधवार को विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह घोटाला किसी तकनीकी त्रुटि का नतीजा नहीं, बल्कि सरकार द्वारा एक पसंदीदा निजी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने की साजिश है। परियोजना में एलएंडटी कंपनी को अयोग्य घोषित किया गया था, लेकिन जब कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, तो सरकार ने निविदा प्रक्रिया रद्द कर दी। विपक्ष का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई के डर से यह निर्णय लिया गया।
शिवसेना (उद्धव गुट) के अंबादास दानवे, कांग्रेस के सत्यजीत पाटिल और एनसीपी (शरद पवार गुट) के जयंत पाटिल जैसे वरिष्ठ नेता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। कांग्रेस नेता पाटिल ने दावा किया कि जिस कंपनी को ठेका मिला था, वह चुनावी बांड की प्रमुख दाता रही है और सरकार उसे जानबूझकर फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने “मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड” के सभी सरकारी ठेकों की तुरंत समीक्षा की मांग की। विपक्ष ने इसे “नीतिगत भ्रष्टाचार” करार देते हुए कहा कि यह कंपनी सरकार की ‘मनपसंद ठेकेदार’ बन गई है।
इसके अलावा, सोयाबीन खरीद को लेकर भी विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए। विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान नहीं किया गया, जिससे वे आर्थिक संकट में हैं। सदन में इस मुद्दे पर जोरदार बहस के बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया।
सहकारिता एवं विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने इस पर जवाब देते हुए बताया कि राज्य के 562 केंद्रों पर रिकॉर्ड सोयाबीन की खरीद की गई है। 51,000 से अधिक किसानों को 5,500 करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। हालांकि, अकोला जिले के बालापुर तालुका में “अंदुरा शेतकरी कंपनी” नामक समूह ने 1,297 क्विंटल सोयाबीन गोदाम में नहीं पहुँचाया, जबकि वह खरीद रिकॉर्ड में पंजीकृत था। इसके चलते 36 लाख रुपये की राशि रोकी गई और कंपनी प्रमुख पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया।
विपक्ष मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उन्होंने बहिर्गमन कर अपना विरोध जताया।
सत्र के दौरान एक और महत्वपूर्ण घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। उन्होंने विधान परिषद में कहा कि ड्रग तस्करों पर कठोर कार्रवाई के लिए सरकार मौजूदा कानूनों में बदलाव करेगी। अब महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मादक पदार्थों के मामलों को शामिल किया जाएगा ताकि आरोपियों को बार-बार जमानत न मिले और वे दोबारा अपराध न कर सकें।
इस प्रकार मानसून सत्र का यह दौर सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, जहां विपक्ष लगातार दबाव बनाकर घोटालों, किसानों और कानून व्यवस्था से जुड़े सवालों को उछाल रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इन आरोपों का सामना कैसे करती है और आगामी सत्र में किस तरह की नीतिगत घोषणाएं सामने आती हैं।