क्या हैं इसकी विशेषताएं?
अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर अमेरिका की बोइंग कंपनी द्वारा बनाए गए हैं और पहले से ही अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल जैसे कई देशों की सेनाओं में अपनी श्रेष्ठता साबित कर चुके हैं। भारत ने इन हेलीकॉप्टरों की खरीद 2020 में लगभग 600 मिलियन डॉलर यानी लगभग 5,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत की थी। अब इनमें से पहली तीन यूनिट्स जुलाई 2025 में भारतीय सेना को सौंपी जा रही हैं, जबकि शेष तीन हेलीकॉप्टर कुछ महीनों में आएंगे।
इन हेलीकॉप्टरों में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली लगी है जिसमें हेलफायर मिसाइल, 30 मिमी चेन गन, फायर एंड फॉर्गेट तकनीक, और हाइड्रा-70 रॉकेट सिस्टम शामिल हैं। ये सभी हथियार किसी भी बंकर, टैंक या दुश्मन के ठिकाने को बेहद सटीकता से तबाह करने में सक्षम हैं।
क्यों कहा जा रहा है इन्हें 'फ्लाइंग तोप'?
इन हेलीकॉप्टरों की मारक क्षमता और हवाई फायरपावर इतनी घातक है कि इन्हें ‘उड़ती हुई तोप’ कहा जाने लगा है। ये न केवल हवा में उड़ते हुए गोलों की बारिश कर सकते हैं, बल्कि ज़मीन पर चल रहे ऑपरेशनों में सेना को घातक सहयोग प्रदान कर सकते हैं। जोधपुर के रेगिस्तानी इलाके में तैनात ये हेलीकॉप्टर पाकिस्तान सीमा पर किसी भी आपात स्थिति में घातक हमला करने में सक्षम होंगे।
सेना को क्यों मिली ये नई ताकत?
अब तक ये हेलीकॉप्टर केवल वायु सेना के पास थे, जिनकी संख्या 22 थी। लेकिन अब पहली बार थल सेना को भी ये शक्ति दी जा रही है। 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन इन हेलीकॉप्टरों का संचालन करेगा। थल सेना की एविएशन विंग को इससे बड़ी मजबूती मिलेगी, जिससे थल और वायु शक्ति का बेहतर समन्वय हो पाएगा।
हालांकि, इनकी डिलीवरी में देरी हुई, जिसका कारण था वैश्विक सप्लाई चेन की समस्याएं और भू-राजनीतिक तनाव। लेकिन अब जब पहली खेप भारत आ रही है, तो सेना में उत्साह और गर्व की लहर है। हेलीकॉप्टरों का औपचारिक स्वागत 22 जुलाई को जोधपुर में होगा।
युद्ध की रणनीति में क्रांतिकारी बदलाव
अपाचे हेलीकॉप्टर न केवल दिन में बल्कि रात में भी ऑपरेशन करने में सक्षम हैं। उनकी अत्याधुनिक नेविगेशन, रडार और संचार प्रणाली इन्हें कठिन से कठिन युद्ध स्थितियों में भी उपयोगी बनाती है। इनके आने से भारतीय सेना की युद्ध रणनीति और तेज, स्मार्ट और विनाशकारी बन जाएगी।
निष्कर्ष
अपाचे AH-64E की तैनाती भारतीय थल सेना के लिए ऐतिहासिक क्षण है। इससे भारत की सीमाएं पहले से कहीं अधिक सुरक्षित होंगी और दुश्मन पर जवाबी हमला करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यह न केवल भारतीय सेना की ताकत का विस्तार है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर और अत्याधुनिक रक्षा रणनीति की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। अब सचमुच भारत की सेना ‘धरती से लेकर आसमान तक’ दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है।