Kedarnath / उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा 2025 इस वर्ष श्रद्धालुओं की अद्वितीय आस्था और उत्साह का प्रतीक बन गई है। आज, 13 जून तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, चारधाम यात्रा में अब तक 38 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। लेकिन इस श्रद्धा और भक्ति के बीच एक चिंता का विषय भी उभरकर सामने आया है—अब तक कुल 169 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है। अधिकतर मौतों का कारण कार्डियक अरेस्ट, हाई एल्टीट्यूड सिकनेस (ऊंचाई जनित बीमारी) और अत्यधिक थकावट बताया जा रहा है।
5 जून तक चारधाम के प्रमुख तीर्थ स्थल—केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब—पर 22,20,042 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। इसी दिन अकेले 78,786 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जिनमें से 24,871 केदारनाथ, 23,729 बदरीनाथ, 13,117 गंगोत्री, 9,880 यमुनोत्री और 7,189 हेमकुंड साहिब पहुंचे। इस आंकड़े से स्पष्ट है कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में कठिन पहाड़ी मार्गों को पार कर देवभूमि में भगवान के दर्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 5 जून तक हुई 83 मौतों में से सबसे अधिक 38 मौतें केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हुईं। इसके बाद बदरीनाथ में 17, गंगोत्री में 15 और यमुनोत्री में 13 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। यदि कोई व्यक्ति पहले से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या सांस की बीमारी से पीड़ित है, तो पहाड़ी यात्रा उसके लिए जोखिमभरी हो सकती है।
तीर्थयात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यात्रा मार्गों पर कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकार ने सभी पड़ावों पर डॉक्टरों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। यात्रियों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है, और जिनकी हालत कमजोर पाई जाती है, उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है।
अब तक 4.8 लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही चारधाम यात्रा मार्गों पर हो चुकी है। औसतन प्रतिदिन 70,000 से अधिक श्रद्धालु यात्रा में भाग ले रहे हैं। इससे न केवल ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है, बल्कि दुर्घटना की संभावना भी बढ़ रही है। ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन यात्रा मार्गों पर भीड़ नियंत्रण और यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
राज्य सरकार की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि श्रद्धालु पहाड़ी यात्रा के दौरान अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। उन्हें सलाह दी गई है कि यात्रा से पूर्व आवश्यक मेडिकल चेकअप कराएं और डॉक्टर की सलाह लेकर ही यात्रा आरंभ करें। मौसम की स्थिति को ध्यान में रखकर चलना, पर्याप्त पानी पीना और तेज़ चढ़ाई से बचना आवश्यक बताया गया है।
चारधाम यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव तो है ही, साथ ही यह शरीर और मन दोनों की परीक्षा भी है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे न केवल अपने इष्ट के दर्शन करें, बल्कि अपनी और अपने साथियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें, ताकि यह यात्रा सच्चे अर्थों में मंगलमयी बन सके।