अमरनाथ यात्रा में भूस्खलन से महिला श्रद्धालु की मौत
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

अमरनाथ यात्रा में भूस्खलन, महिला श्रद्धालु की मौत।
बाल्टाल मार्ग पर बारिश के बीच बड़ा हादसा।
उप राज्यपाल ने जताया शोक, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी।
Jammu / जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में बुधवार शाम को अमरनाथ यात्रा के बाल्टाल मार्ग पर एक दर्दनाक हादसा हुआ। रेलपथरी क्षेत्र में अचानक आए भूस्खलन की चपेट में चार तीर्थ यात्री आ गए, जिन्हें मलबे ने नीचे की ओर धकेल दिया। इन श्रद्धालुओं में एक 55 वर्षीय महिला तीर्थ यात्री की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतका की पहचान राजस्थान निवासी सोना बाई के रूप में हुई है। घायलों को तत्काल बाल्टाल बेस कैंप अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है और स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
यह हादसा ऐसे समय हुआ जब तीर्थ यात्री लगभग 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर बढ़ रहे थे। मौसम विभाग ने पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश और संभावित भूस्खलन की चेतावनी जारी की थी, बावजूद इसके यात्रा जारी रखी गई। इसी लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ, जो पूरे प्रशासनिक इंतजाम पर सवाल खड़े करता है। इस वर्ष की यात्रा में अब तक कुल 15 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है, जो चिंता का विषय है।
गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू हुई है और 9 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी। यह यात्रा हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है और हर साल लाखों श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेते हैं। यात्रा बाल्टाल और पहलगाम—दो मार्गों से होती है, लेकिन इन दोनों रास्तों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, ऊंचाई और बदलता मौसम श्रद्धालुओं के लिए कई बार जानलेवा साबित होता है।
इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है और यात्रियों को मौसम की चेतावनी के अनुसार मार्ग पर आगे बढ़ने की अनुमति दी जा रही है। इसके साथ ही, आपदा प्रबंधन और मेडिकल टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
घटना पर जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतका के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ितों के साथ है और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है।
अमरनाथ यात्रा की पवित्रता और धार्मिक आस्था के साथ-साथ सुरक्षा और सतर्कता भी उतनी ही आवश्यक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर साल ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो श्रद्धालुओं के जीवन को जोखिम में डालती हैं। प्रशासन को चाहिए कि मौसम पूर्वानुमान को प्राथमिकता दे, सुरक्षा मानकों का कठोर पालन सुनिश्चित करे और श्रद्धालुओं को जागरूक करे कि आस्था के साथ-साथ सावधानी भी उतनी ही ज़रूरी है।