IPPB ने शुरू की आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा – समावेशी और सुरक्षित बैंकिंग की नई पहल
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आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन से बैंकिंग अब अधिक समावेशी और सरल
वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगजनों के लिए सुरक्षित और संपर्करहित लेनदेन
डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन को सशक्त करती पहल
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB), जो सुलभ बैंकिंग सेवाओं का अग्रदूत है, ने आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा को देशभर में लागू करने की घोषणा की है। यह सुविधा खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और उन सभी के लिए बनाई गई है जिन्हें फिंगरप्रिंट या OTP जैसी पारंपरिक प्रणालियों से कठिनाई होती है।
यह अत्याधुनिक सुविधा UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) की तकनीकी रूपरेखा के अंतर्गत विकसित की गई है। इसके माध्यम से ग्राहक केवल चेहरे की पहचान के जरिए बैंकिंग लेन-देन कर सकते हैं, जिससे फिंगरप्रिंट, OTP या अन्य भौतिक बायोमेट्रिक विधियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
IPPB के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री आर. विश्वेश्वरन ने लॉन्च के अवसर पर कहा:
"IPPB में हमारा विश्वास है कि बैंकिंग केवल सुलभ नहीं, बल्कि सम्मानजनक भी होनी चाहिए। फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी ग्राहक बायोमेट्रिक या OTP जैसी बाधाओं के कारण बैंकिंग सेवाओं से वंचित न रह जाए। यह केवल एक तकनीकी विशेषता नहीं, बल्कि समावेशी वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
IPPB फेस ऑथेंटिकेशन की प्रमुख विशेषताएं:
✅ समावेशी बैंकिंग: वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और घिसे हुए फिंगरप्रिंट वाले व्यक्तियों के लिए सुलभ।
✅ सुरक्षित आधार प्रमाणीकरण: OTP या फिंगरप्रिंट सेंसर पर निर्भरता नहीं।
✅ तेज़ और स्पर्शरहित लेनदेन: ग्राहक अनुभव को अधिक सहज बनाता है।
✅ स्वास्थ्य आपातकाल में भी सुरक्षित बैंकिंग: जब शारीरिक संपर्क जोखिम भरा हो।
✅ सभी बैंकिंग सेवाओं के लिए समर्थन: खाता खोलना, बैलेंस पूछताछ, फंड ट्रांसफर और यूटिलिटी बिल भुगतान सहित।
यह पहल डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन के सरकार के मिशनों के अनुरूप है और यह दर्शाता है कि कैसे तकनीक का उपयोग केवल सुविधा नहीं, बल्कि समानता और सशक्तिकरण के मूल्यों को स्थापित करने के लिए किया जा सकता है।
IPPB उन सभी ग्राहकों से आग्रह करता है जिन्हें फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण में परेशानी होती है, कि वे इस सरल, सुरक्षित और सम्मानजनक तकनीक का अनुभव करें।
भारत सरकार द्वारा स्थापित - इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) भारत सरकार के संचार मंत्रालय के डाक विभाग के अंतर्गत 100% सरकारी स्वामित्व के साथ 1 सितम्बर 2018 को स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य देश के सर्वाधिक सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक के रूप में आम नागरिक तक बैंकिंग सुविधाएँ पहुँचाना है।
IPPB का मुख्य लक्ष्य बिना बैंकिंग सुविधा वाले (Unbanked) और कम बैंक सुविधा वाले (Underbanked) लोगों तक पहुँचकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके लिए यह देशभर के 1.65 लाख डाकघरों (जिनमें से लगभग 1.40 लाख ग्रामीण क्षेत्रों में हैं) और 3 लाख डाक कर्मचारियों के नेटवर्क का लाभ लेता है।
IPPB का संचालन मॉडल India Stack के स्तंभों पर आधारित है — पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति रहित बैंकिंग, जो ग्राहकों के द्वार तक सरल व सुरक्षित रूप से पहुँचाई जाती है।
आज IPPB 13 भाषाओं में 11 करोड़ से अधिक ग्राहकों को 5.57 लाख गाँवों और कस्बों में बैंकिंग सेवा प्रदान कर रहा है।
IPPB का दृढ़ विश्वास है –
"हर ग्राहक महत्वपूर्ण है, हर लेनदेन मूल्यवान है और हर जमा भविष्य की नींव है।"