"टाटा मोटर्स: भारत की सबसे सस्ती ऑटो कंपनी या छिपा हुआ ग्रोथ स्टॉक?"
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टाटा मोटर्स: भारत की सबसे सस्ती लार्ज-कैप ऑटो कंपनी
मजबूत EV रणनीति, FY25 में रिकॉर्ड मुनाफा और फ्री कैश फ्लो
JLR की चुनौतीपूर्ण स्थिति और डिमर्जर से संभावित वैल्यू अनलॉक
"सस्ता है, लेकिन फिर भी उपेक्षित: टाटा मोटर्स की असल कहानी"
टाटा मोटर्स आज भारतीय शेयर बाज़ार के सबसे सस्ते लार्ज-कैप ऑटो स्टॉक्स में से एक है।
यह स्टॉक मात्र 8.9 के ट्रेलिंग P/E और 4.5 के EV/EBITDA पर ट्रेड कर रहा है।
और फिर भी, कोई इसमें झुंड बनाकर निवेश करने नहीं आ रहा।
यह कंपनी न केवल मज़बूत फ्री कैश फ्लो जेनरेट कर रही है, बल्कि अब इसका नेट कैश पोज़िशन है। नए लॉन्च प्रॉफिट बढ़ा रहे हैं, और भारत में सबसे आक्रामक EV रोडमैप इसी कंपनी का है।
कागज़ पर यह उन सभी बॉक्स को टिक करता है जिन्हें निवेशक पसंद करते हैं।
फिर भी, FY25 की कमाई पर यह स्टॉक केवल 9 गुना और FY26 की अनुमानित कमाई पर मात्र 7 गुना पर ट्रेड हो रहा है।
तो आखिर मामला क्या है?
FY25, टाटा मोटर्स के इतिहास का अब तक का सबसे बेहतरीन साल रहा।
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ग्रुप कंसोलिडेटेड प्रॉफिट बिफोर टैक्स ₹34,000 करोड़ से ऊपर पहुंच गया।
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फ्री कैश फ्लो ₹22,000 करोड़ से ज़्यादा रहा।
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ऑटोमोटिव डेब्ट घटकर अब नेट कैश में बदल गया है।
चाहे कमर्शियल व्हीकल्स हों, पैसेंजर व्हीकल्स या फिर जेएलआर—तीनों वर्टिकल्स में कैपिटल एम्प्लॉयमेंट में सुधार हुआ है।
भारत में टाटा की गाड़ी दौड़ रही है:
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पैसेंजर व्हीकल डिविज़न ने 1 मिलियन EV सेल्स का आंकड़ा पार किया।
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डबल-डिजिट EBITDA मार्जिन्स बनाए रखे।
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कमर्शियल व्हीकल्स में भी लाभकारी ग्रोथ जारी है।
कंपनी अगले 3 वर्षों में 200–300 बेसिस पॉइंट्स तक मार्जिन विस्तार की उम्मीद कर रही है।
और फिर भी, यह स्टॉक वैल्यूएशन के सेकंड गियर में ही फंसा हुआ है।
2008 में टाटा मोटर्स द्वारा अधिग्रहीत यह ब्रिटिश लग्जरी कार ब्रांड कभी गौरव था, फिर बोझ बन गया, और अब जैसे-तैसे बीच में लटका है।
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FY25 में JLR का प्रदर्शन खराब नहीं रहा:
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Wholesales में 25% की बढ़ोतरी
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EBIT मार्जिन 8.5%
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और कैश पोज़िशन पॉजिटिव हो गई है।
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लेकिन चीन में संकट है:
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डीलरशिप में दिवालियापन और ओवरस्टॉकिंग से Q4FY25 में 30% की गिरावट।
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कंपनी को अब वहां अपनी डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटेजी बदलनी पड़ी।
JLR अब मार्केट शेयर की बजाय ब्रांड प्राइसिंग और रिटेल हेल्थ पर ध्यान दे रहा है।
भविष्य में यह रणनीति लाभकारी हो सकती है, लेकिन फिलहाल मार्केट हिस्सेदारी में गिरावट का खतरा है।
और चिंता की बात यह कि:
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FY26 के लिए EBIT मार्जिन गाइडेंस घटाकर 5–7% कर दी गई है (FY25 में 8.5%)
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रेवेन्यू अनुमान भी घटा कर £28 बिलियन कर दिया गया है (पहले £30B+ था)
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फ्री कैश फ्लो गाइडेंस £1.8B से घटाकर लगभग शून्य कर दी गई है।
EV ट्रांजिशन में भी देरी है:
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ऑल-इलेक्ट्रिक रेंज रोवर 2025 के अंत में लॉन्च होगी, डिलीवरी 2026 से।
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जैगुआर का इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मेशन FY26 तक टला है — और इसमें execution risk है।
🇮🇳 भारत में चमक ही चमक
टाटा मोटर्स की भारतीय इकाइयों में कहानी बिलकुल अलग है।
🚛 कमर्शियल व्हीकल्स (CV)
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भारत में 37% मार्केट शेयर,
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FY25 में 11.8% से अधिक EBITDA मार्जिन,
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टारगेट है 14–15% मार्जिन।
🚗 पैसेंजर व्हीकल्स (PV)
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आज करीब 13% मार्केट शेयर,
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FY30 तक टारगेट है 18–20%।
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SUV सेगमेंट में बढ़त (Nexon, Harrier, Punch),
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आने वाले 2 सालों में नए मॉडल: Sierra, Curvv, Harrier.ev।
⚡ EV रणनीति
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FY30 तक 10 नए EV मॉडल,
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EV सेगमेंट से 25% राजस्व का लक्ष्य,
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acti.ev प्लेटफॉर्म पर आधारित नई गाड़ियाँ।
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EV मार्जिन्स पहले से double-digit, और सुधार जारी।
🔧 और भी पहल:
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CNG और Flex-fuel वेरिएंट्स
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डिजिटल प्लेटफॉर्म,
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सॉफ्टवेयर-डिफाइंड व्हीकल्स
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और after-sales सर्विसिंग का विस्तार।
टाटा मोटर्स अब दो कंपनियों में बंटने की तैयारी में है:
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CV + JLR
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PV + EV
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अपॉइंटेड डेट: 1 जुलाई 2025
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इफेक्टिव डेट: अक्टूबर 2025 की उम्मीद
यह डिमर्जर कंपनी की कॉम्प्लेक्सिटी को दूर करेगा और हर बिज़नेस को अपनी पहचान के साथ सटीक निवेशकों तक पहुंचने देगा।
बाज़ार ने अब तक इस डिमर्जर को सही तरह से प्राइस नहीं किया है।
अगर सबकुछ सुचारू रूप से हुआ, तो यह एक बड़ा कैटेलिस्ट बन सकता है।
🤔 तो फिर डिस्काउंट क्यों?
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JLR की चीन में चुनौतियाँ
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वैश्विक EV ट्रांजिशन में देरी
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FY26 में फ्री कैश फ्लो गिरावट,
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CV ग्रोथ स्थिर हो रही है,
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PV में प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है: Hyundai, Maruti, Mahindra
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ROCE अभी भी peers से नीचे है
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और कोई बड़ा IPO, JV या volume-spike नहीं दिख रहा।
नतीजा:
बाज़ार आज के प्रदर्शन की जगह निकट भविष्य की कठिनाइयों पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है।
🔚 अंतिम शब्द
टाटा मोटर्स टूटी नहीं है — लेकिन अभी वो “screaming buy” भी नहीं है, जो इसका P/E दिखा रहा है।
या शायद... है?
यह कहानी लंबी रेस की है:
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मजबूत बैलेंस शीट,
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बेहतर होते मार्जिन्स,
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दमदार घरेलू फ्रेंचाइज़ी,
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और सबसे महत्वाकांक्षी EV योजना।
JLR का भविष्य थोड़ा धुंधला हो सकता है, लेकिन अगर भारत का EV सपना टिका रहा,
अगर मार्जिन्स में सुधार होता रहा,
और अगर डिमर्जर से मूल्य खुला,
तो यह स्टॉक वैल्यू से ग्रोथ की तरफ रुख कर सकता है।
अभी ये सौदा नजर नहीं आ रहा हो सकता है,
लेकिन पीछे मुड़कर देखने पर यही "बेस्ट एंट्री पॉइंट" साबित हो सकता है।