पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र हादसा: ऑयल कंपनी प्लांट में जहरीली गैस से 3 मजदूरों की मौत

Sun 07-Sep-2025,11:23 PM IST +05:30

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पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र हादसा: ऑयल कंपनी प्लांट में जहरीली गैस से 3 मजदूरों की मौत Pithampur oil company gas leak
  • पीथमपुर ऑयल कंपनी हादसे में तीन मजदूरों की मौत.

  • जहरीली गैस लीक से बड़ा औद्योगिक हादसा.

  • सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर उठे सवाल.

Madhya Pradesh / Pithampur :

Pithampur / जिले से सटे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में रविवार देर शाम बड़ा हादसा हो गया। ऑयल कंपनी के प्लांट में केमिकल टैंक की सफाई कर रहे तीन मजदूर जहरीली गैस की चपेट में आ गए। गैस के असर से वे बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें तत्काल इंदौर के एमवाय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान सुनील, दीपक और जगदीश के रूप में हुई है। हादसे के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और परिजनों को सूचना देकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

गैस लीक की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। दमकल विभाग और सुरक्षा दल ने तुरंत कंपनी परिसर को खाली कराया और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। अधिकारियों ने क्षेत्र को सील कर तकनीकी जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जानकारी में हादसे का कारण तकनीकी खराबी बताया जा रहा है, हालांकि अधिकारी सभी पहलुओं से जांच कर रहे हैं। इस हादसे में कुछ अन्य कर्मचारी भी प्रभावित हुए, जिनका इलाज कराया जा रहा है।

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं, जिससे औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कई कंपनियां सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करतीं और मजदूरों की सुरक्षा अक्सर लापरवाही का शिकार होती है। यह घटना फिर से प्रशासन और उद्योग विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाती है।

पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि कंपनी प्रबंधन से जवाब तलब किया जाएगा। यदि सुरक्षा मानकों की अनदेखी पाई गई, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं, जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।

यह हादसा सिर्फ पीथमपुर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाए। लगातार हो रहे हादसे साफ करते हैं कि अब समय आ गया है जब प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में मजदूरों की जान बचाई जा सके और इस तरह की लापरवाही पर रोक लगाई जा सके।