श्री सी. पी. राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा समारोह
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श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गणतंत्र मंडप में समारोह का आयोजन किया
देश के लोकतंत्र और संवैधानिक कर्तव्यों की महत्वपूर्ण पुष्टि
Delhi/ आज, 12 सितंबर 2025 को भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन के भव्य गणतंत्र मंडप में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में श्री सी. पी. राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पद की शपथ दिलाई। यह ऐतिहासिक अवसर भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक व्यवस्था में विशेष महत्व रखता है। समारोह में देश के उच्चतम राजनैतिक और संवैधानिक अधिकारी, संसद के सदस्य, केंद्रीय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस भव्य आयोजन में देश की एकता, समरसता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बल देने का संदेश दिया गया।
उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्यपालन का संकल्प व्यक्त किया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें संवैधानिक पद की गरिमा के साथ कार्य करने की शुभकामनाएँ दीं और भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया। इस अवसर पर यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा कि समारोह में सभी सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन किया गया और कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम माना गया।
श्री सी. पी. राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण के साथ भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक नई प्रेरणा और आशा का संचार हुआ। उपराष्ट्रपति का कार्य न केवल संसद की कार्यवाही की निगरानी करना है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के संवैधानिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करना भी है। उन्होंने अपने भाषण में सभी नागरिकों के लिए न्याय, समानता और विकास के महत्व को रेखांकित किया।
इस ऐतिहासिक समारोह ने देशवासियों में गर्व की भावना पैदा की। राष्ट्रपति भवन का गणतंत्र मंडप सज-धज कर तैयार था, और वहां पर राष्ट्रीय ध्वज की शोभा और भारतीय तिरंगे की गरिमा का विशेष ध्यान रखा गया था। मीडिया ने पूरे कार्यक्रम का व्यापक कवरेज किया और देशभर में इसे लाइव प्रसारित किया गया, ताकि हर नागरिक इस महान अवसर का हिस्सा बन सके।
श्री सी. पी. राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने से देश में संवैधानिक स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूती मिलेगी। इस समारोह ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है, जहां संवैधानिक पदों का सुशासन और पारदर्शिता के साथ निर्वहन होता है। प्रधानमंत्री सहित कई वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे और उन्होंने उपराष्ट्रपति को बधाई दी।
इस प्रकार, यह शपथ ग्रहण समारोह भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता और संवैधानिक प्रणाली की सुदृढ़ता का प्रतीक बनकर उभरा।