दिवाली के बाद हरियाणा में वायु गुणवत्ता में सुधार: केवल तीन शहर बहुत खराब श्रेणी में, दिल्ली का एक्यूआई 275 पर
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Haryana air quality 2025
हरियाणा के तीन शहर बहुत खराब श्रेणी में, बाकी में सुधार।
दिल्ली का एक्यूआई 275, वायु गुणवत्ता में गिरावट के बाद सुधार।
पराली जलाने के मामलों पर निगरानी और कार्रवाई जारी।
New Delhi / दिवाली के बाद हरियाणा समेत देशभर में वायु गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, बहुत खराब श्रेणी (एक्यूआई 300 से 400) में अब केवल तीन शहर बचे हैं — बहादुरगढ़, धारूहेड़ा और फतेहाबाद। बहादुरगढ़ का एक्यूआई 318, धारूहेड़ा का 312 और फतेहाबाद का 309 दर्ज किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का एक्यूआई भी कुछ सुधार के साथ 275 तक पहुंच गया है, जो “खराब” श्रेणी में आता है। हालांकि यह स्तर स्वास्थ्य के लिए अभी भी ठीक नहीं है, पर पिछले दिनों की तुलना में इसमें सुधार हुआ है।
गुरुवार को देशभर के सबसे प्रदूषित छह शहरों में से तीन हरियाणा के थे, जिनमें बहादुरगढ़ (325), धारूहेड़ा (322) और जींद (302) शामिल थे। लेकिन शुक्रवार को जींद का एक्यूआई घटकर 239 हो गया, जो “खराब” से “मध्यम” श्रेणी की ओर बढ़ने का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि हवा की गति बढ़ने और तापमान में अभी पर्याप्त ठंडक न आने के कारण वायु प्रदूषण का स्तर घटा है। अगर मौसम इसी तरह बना रहा, तो आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता में और सुधार संभव है।
हरियाणा के कुछ शहरों में स्थिति पहले से बेहतर दिख रही है। शुक्रवार को बल्लभगढ़ का एक्यूआई 92 और नारनौल का 63 रहा, जो “संतोषजनक” श्रेणी में आता है। वहीं, यमुनानगर (158), पलवल (120), पंचकूला (177), हिसार (170) और फरीदाबाद (198) जैसे शहर “मध्यम” स्तर तक पहुंच गए हैं। हालांकि कुछ शहर अब भी “खराब” श्रेणी में हैं — अंबाला (211), भिवानी (241), चरखी दादरी (268), गुरुग्राम (219), कैथल (297), करनाल (269), कुरुक्षेत्र (210), सिरसा (214) और सोनीपत (220)।
चंडीगढ़ पीजीआई के प्रोफेसर रविंद्र खैवाल का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में हवा की गति में वृद्धि और वातावरण में गर्माहट के कारण प्रदूषक कण ऊपर उठ रहे हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह तक अगर हवा का प्रवाह जारी रहा, तो स्थिति और बेहतर हो सकती है।
हालांकि, राज्य में पराली जलाने की घटनाएं अभी भी जारी हैं। शुक्रवार को हरियाणा में दो नई घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें दो किसानों के खिलाफ “रेड एंट्री” की गई है। आंकड़ों के अनुसार, 20 से 24 अक्टूबर के बीच राज्यभर में 24 जगह पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं। अब तक कुल 62 से अधिक घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, और 75 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
राज्य सरकार और पर्यावरण विभाग लगातार पराली जलाने को रोकने के प्रयास कर रहे हैं। किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे खेतों में पराली न जलाएं, बल्कि वैकल्पिक उपाय अपनाएं। सरकार इसके लिए सब्सिडी पर पराली प्रबंधन मशीनें भी उपलब्ध करा रही है।
कुल मिलाकर, दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार एक सकारात्मक संकेत है। पराली जलाने पर नियंत्रण और मौसम के अनुकूल बने रहने से आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर और घट सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि स्थायी सुधार के लिए जनसहभागिता और सतत नीति-क्रियान्वयन की जरूरत है, ताकि स्वच्छ हवा सिर्फ त्योहारों के बाद नहीं, बल्कि पूरे वर्ष बनी रहे।