नेपाल और पेरू में जेन जी युवाओं का विरोध: भ्रष्टाचार और पेंशन सुधार कानून के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन
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नेपाल और पेरू में जेन जी युवाओं का सरकार विरोधी प्रदर्शन.
भ्रष्टाचार, पेंशन सुधार कानून और आर्थिक असुरक्षा मुख्य मुद्दे.
सोशल मीडिया की ताकत से संगठित हुआ युवा आंदोलन.
Nepal / नेपाल और पेरू, दोनों ही देशों में हाल के दिनों में युवाओं के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं। खास बात यह है कि इन प्रदर्शनों में कई समानताएं सामने आईं, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। नेपाल में जहां सोशल मीडिया प्रतिबंध ने विरोध को और भड़का दिया, वहीं पेरू में सरकार के ताजा आदेश और नीतियों ने युवाओं के बीच गहरी नाराजगी पैदा की।
नेपाल में 'जेन जी' यानी नई पीढ़ी के युवाओं ने बड़े पैमाने पर आंदोलन किया था। उन्होंने बैनर, पोस्टर, मीम्स और सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए संसद और प्रधानमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला। इसके नतीजे में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ना पड़ा और अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति करनी पड़ी। यह आंदोलन नेपाल में नई राजनीतिक चेतना और युवाओं के प्रभाव का प्रतीक बन गया।
इसी तरह, पेरू की राजधानी लीमा में भी 20 सितंबर 2025 को सैकड़ों युवा सड़कों पर उतर आए। विरोध का मुख्य कारण था भ्रष्टाचार, बढ़ती आर्थिक असुरक्षा और हाल ही में लागू पेंशन सुधार कानून। युवाओं का मानना है कि कांग्रेस द्वारा निजी पेंशन फंड में किए गए बदलाव से उनकी भविष्य की बचत खतरे में पड़ जाएगी। इस चिंता के साथ-साथ संगठित अपराध और सरकारी भ्रष्टाचार ने उनकी बेचैनी को और गहरा कर दिया।
'जेनरेशन जी' नामक युवा समूह द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में करीब 500 लोग शामिल हुए। युवाओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए अपने गुस्से और असंतोष को साझा किया और फिर एकजुट होकर राजधानी के सेंटर में पहुंचे। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद भीड़ ने विरोध जारी रखा। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। इस दौरान हुई झड़प में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं, स्थानीय रेडियो स्टेशन एक्सिटोसा के मुताबिक, एक रिपोर्टर और कैमरामैन भी पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए।
पेरू में राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे के खिलाफ यह माहौल उसी तरह बना, जैसे नेपाल में प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ बना था। दोनों ही जगह आंदोलन की कमान युवाओं ने संभाली और सोशल मीडिया को हथियार बनाया। यह साफ संकेत है कि आज की पीढ़ी राजनीति और नीतियों से सीधे टकराने से पीछे नहीं हट रही।
कुल मिलाकर, नेपाल और पेरू दोनों देशों में हुए ये प्रदर्शन इस बात का सबूत हैं कि जेन जी अब केवल दर्शक नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक बदलाव की ताकत बनकर उभर रही है। भ्रष्टाचार और असुरक्षा जैसे मुद्दों पर युवाओं की मुखरता यह दर्शाती है कि आने वाले समय में उनका दबदबा और अधिक बढ़ेगा।