जैसलमेर बस हादसा 2025: एसी बस आग में 21 की मौत, डीएनए मिलान 20 घंटों में पूरा

Thu 16-Oct-2025,02:07 PM IST +05:30

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जैसलमेर बस हादसा 2025: एसी बस आग में 21 की मौत, डीएनए मिलान 20 घंटों में पूरा Jaisalmer AC bus fire accident
  • जैसलमेर बस हादसा: 21 लोगों की आग में मौत, 16 घायल।

  • डीएनए मिलान मात्र 20 घंटों में पूरा, मृतकों की पहचान हुई।

  • परिवहन विभाग ने अधिकारियों को निलंबित किया, एसीबी जांच जारी।

Rajasthan / Jaisalmer :

Jaisalmer / राजस्थान के जैसलमेर जिले में 14 अक्टूबर को हुई भयानक एसी बस आग दुर्घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। इस हादसे में 21 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 8 से 79 वर्ष के लोग शामिल थे, साथ ही पत्रकार राजेंद्र चौहान और एक 8 वर्षीय बच्चा भी थे। हादसे के तुरंत बाद जोधपुर में डीएनए मिलान का कार्य शुरू किया गया, जिसे मात्र 20 घंटों में पूरा कर लिया गया। सभी 19 झुलसे शवों का सफलतापूर्वक डीएनए मिलान हो गया। इनमें से दो शव पहले ही परिजनों को सौंप दिए गए थे, जबकि शेष 10 शव एआईआईएमएस मोर्चरी और 9 शव महात्मा गांधी अस्पताल मोर्चरी में रखे गए थे।

हादसा जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर थैयत गांव के पास हुआ, जब प्राइवेट स्लीपर बस में शॉर्ट सर्किट से आग लगी और एसी कंप्रेसर ब्लास्ट ने डीजल-गैस को भड़काया। बस का एकमात्र दरवाजा जाम होने के कारण यात्री अंदर फंस गए और आग ने मिनटों में सब कुछ लील लिया। हादसे में 16 लोग घायल हुए, जिनमें चार वेंटिलेटर पर हैं और बाकी जोधपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रभावित परिवारों को 5 लाख रुपये अनुदान और मुफ्त इलाज की सुविधा देने की घोषणा की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि बस चित्तौड़गढ़ जिले में 1 अक्टूबर को नॉन-एसी के रूप में रजिस्टर्ड थी, लेकिन मालिक ने चार महीने पुरानी बस को एसी में मोडिफाई करवा लिया। मोडिफिकेशन के दौरान सीटों को बढ़ाते हुए इमरजेंसी गेट को बंद कर दिया गया, जो बस बॉडी कोड का घोर उल्लंघन था।

बस को उसी दिन रोड पर उतारा गया और हादसा घट गया। इस लापरवाही पर परिवहन विभाग ने चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह गहलोत और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नीलाल को निलंबित कर दिया। दोनों अधिकारियों ने फिटनेस चेक के दौरान उल्लंघनों को नजरअंदाज किया था। इसके अलावा, जैसलमेर में बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हो चुकी है। एसीबी भी हादसे की जांच कर रही है, जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत और लापरवाही की पड़ताल होगी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरे प्रदेश में बसों की सघन जांच का निर्देश दिया है ताकि नियमों के उल्लंघन की घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि यह हृदयविदारक घटना है और राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस हादसे की स्वतंत्र जांच की मांग की है। हादसे के बाद परिजन मोर्चरियों पर आंसुओं से तरबतर हैं। एक परिजन ने कहा कि डीएनए मिलान से थोड़ी राहत मिली, लेकिन खोए अपनों का दर्द कभी नहीं मिटेगा। यह हादसा राज्य में सड़क सुरक्षा और बस संचालन नियमों के उल्लंघन की भयावह चेतावनी बन गया है।