छठ पर्व के बीच यमुना नदी पर सियासी संग्राम: भाजपा-आप के बीच सफाई दावों पर जुबानी जंग तेज
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Yamuna river pollution Delhi
यमुना नदी की सफाई पर भाजपा-आप के बीच जुबानी जंग.
डीपीसीसी रिपोर्ट पर दोनों दलों में मतभेद.
छठ पर्व से पहले यमुना की स्थिति पर राजनीति गरमाई.
Delhi / छठ पर्व के बीच दिल्ली में यमुना नदी का मुद्दा एक बार फिर सियासी टकराव का केंद्र बन गया है। राजधानी में धार्मिक आस्था और पर्यावरण की स्थिति को लेकर दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों—भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप)—के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि यमुना नदी अब पहले से काफी साफ हो चुकी है, जबकि आम आदमी पार्टी ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है और भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
शनिवार को दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि छठ पूजा से पहले यमुना नदी की पानी की गुणवत्ता में पिछले साल की तुलना में बड़ा सुधार देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया के स्तर में भारी गिरावट आई है। डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) की रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने बताया कि निजामुद्दीन में इस साल बैक्टीरिया की सांद्रता घटकर 7,900 यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर रह गई है, जबकि पिछले साल यह 11 लाख यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर थी। इसी तरह, ओखला में यह स्तर 18 लाख से घटकर 2,700 और आगरा नहर में 22 लाख से घटकर 1,600 यूनिट तक आ गया है।
प्रवेश वर्मा ने दावा किया कि भाजपा सरकार की लगातार कोशिशों से यमुना की स्थिति में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि डीपीसीसी ने 9 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को पल्ला, वजीराबाद बैराज, ओखला बैराज, आईटीओ और यमुना नहर सहित आठ स्थानों से पानी के नमूने एकत्र किए थे, जिनमें प्रदूषण के स्तर में कमी दर्ज की गई। वर्मा ने कहा कि यह सब इस बात का सबूत है कि सरकार की नीतियां और निगरानी तंत्र काम कर रहा है।
वहीं, दूसरी ओर आप के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भाजपा के इन दावों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर यमुना नदी वास्तव में साफ हो चुकी है, तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को इसका पानी पीकर दिखाना चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जनता को झूठ बोलकर भ्रमित कर रही है। भारद्वाज ने डीपीसीसी की 23 अक्टूबर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यमुना का पानी “नहाने लायक भी नहीं” है और इसमें “खतरनाक मात्रा में मानव अपशिष्ट” मौजूद है।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जब आप सत्ता में थी, तब यमुना की सफाई योजनाओं में अड़चनें पैदा कीं। भारद्वाज ने कहा, “हमारी सरकार ने यमुना सफाई की ठोस योजना बनाई थी, लेकिन उपराज्यपाल और भाजपा नेताओं ने इसमें अड़चनें डालीं। आज वही लोग सफाई का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि हरियाणा सरकार ने पूर्वी यमुना नहर से एक सप्ताह के लिए पानी का रुख मोड़ दिया, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है।
इस बीच, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और प्रवेश वर्मा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर पलटवार किया और कहा कि आम आदमी पार्टी सिर्फ राजनीति कर रही है। सिरसा ने कहा, “भाजपा के नेतृत्व में यमुना की वास्तविक सफाई हो रही है, जबकि आप सिर्फ रिपोर्टों और आरोपों के सहारे सियासी फायदा उठाना चाहती है।”
दिल्ली में यमुना नदी का यह विवाद छठ पर्व जैसे पवित्र अवसर पर भी थमने का नाम नहीं ले रहा। एक ओर लाखों श्रद्धालु इस पवित्र नदी में स्नान करने और पूजा करने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल इसे अपने-अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि यमुना की सफाई केवल राजनीतिक बयानबाजी से नहीं, बल्कि दीर्घकालिक योजनाओं और सच्चे प्रयासों से ही संभव होगी।