बीजापुर में नक्सलियों ने भाजपा नेता पूनम सत्यम की हत्या, मद्देड एरिया कमेटी ने ली जिम्मेदारी
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Bijapur BJP leader murder
बीजापुर में भाजपा नेता पूनम सत्यम की नक्सलियों द्वारा हत्या.
मद्देड एरिया कमेटी ने हत्या की जिम्मेदारी ली.
गढ़चिरौली में 60 नक्सलियों का सामूहिक आत्मसमर्पण.
Bijapur / छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सोमवार देर रात एक बार फिर खूनी वारदात को अंजाम दिया। इस बार उनका निशाना बने भाजपा नेता पूनम सत्यम, जिनकी बेरहमी से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। यह घटना इलमिडी थाना क्षेत्र के मुझलकांकेर गांव की है, जहां देर रात नक्सली उनके घर पहुंचे और जबरन बाहर बुलाकर इस निर्मम वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक, हत्या के बाद नक्सलियों ने मौके पर एक पर्चा छोड़ा, जिसमें मद्देड एरिया कमेटी ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। पर्चे में आरोप लगाया गया है कि पूनम सत्यम पुलिस के लिए मुखबिरी कर रहे थे और उन्हें पहले कई बार चेतावनी दी गई थी। पुलिस के अनुसार, इस वारदात में चार से पांच सशस्त्र नक्सलियों की टीम शामिल थी। घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई है।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि इस हत्या को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है और क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि पूनम सत्यम भाजपा के मंडल स्तर के कार्यकर्ता थे और लंबे समय से पार्टी के संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे।
राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह हत्या नक्सलियों की हताशा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज स्थानीय जनता भी यह समझ चुकी है कि हिंसा की विचारधारा का कोई भविष्य नहीं है। राज्य सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया जा रहा है।
भाजपा के राज्य नेतृत्व ने भी पूनम सत्यम की हत्या पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि नक्सली हिंसा से पार्टी कार्यकर्ताओं के हौसले को तोड़ा नहीं जा सकता। उनका कहना है कि पूनम सत्यम का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और भाजपा कार्यकर्ता शांति और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक बस्तर संभाग में नक्सल हिंसा की विभिन्न घटनाओं में करीब 40 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें कई राजनीतिक कार्यकर्ता और निर्दोष ग्रामीण शामिल हैं। मुझलकांकेर और मंद्देड इलाका पहले से ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है, जहां सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं।
इस बीच, नक्सल मोर्चे से एक बड़ी खबर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से भी आई है, जहां नक्सलियों के पोलित ब्यूरो सदस्य और सेंट्रल कमेटी सदस्य मल्लोजूला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू उर्फ भूपति ने अपने करीब 60 साथियों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे दक्षिण गढ़चिरौली के घने जंगलों में हुआ। अधिकारियों का कहना है कि यह नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका है और सरकार की आत्मसमर्पण नीति की सफलता का उदाहरण भी।
पूनम सत्यम की हत्या जहां नक्सलियों की हिंसक सोच को उजागर करती है, वहीं गढ़चिरौली में हुआ सामूहिक आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि अब जंगलों में भी नक्सल विचारधारा कमजोर पड़ रही है। सरकार और सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों से बस्तर और उसके आसपास के इलाकों में धीरे-धीरे शांति की राह बन रही है।