श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स वही कंपनी है जिसने ‘कोल्ड्रिफ’ (Coldrif) नामक जहरीली कफ सिरप का निर्माण किया था। इस सिरप के सेवन से मध्य प्रदेश में अब तक 20 बच्चों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। मेडिकल जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इस सिरप में जहरीले रसायन (टॉक्सिक केमिकल्स) मौजूद थे, जिन्होंने बच्चों की किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया। सिरप पीने के कुछ ही घंटों के भीतर बच्चों में किडनी फेल होने के लक्षण दिखाई देने लगे, जिससे उनकी हालत तेजी से बिगड़ती चली गई।
CNN-News18 की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के तहत हुई है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 276 और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27A के तहत आरोप लगाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, रंगनाथन को गिरफ्तारी के बाद कांचीपुरम स्थित कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट में भी ले जाया जाएगा ताकि वहां की जांच की जा सके और सबूत जुटाए जा सकें।
इस पूरे प्रकरण पर मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने छिंदवाड़ा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए राज्य पुलिस की विशेष टीम भेजी गई थी।
घटना के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इस कफ सिरप पर फिलहाल नौ राज्यों—पंजाब, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड—में प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी दवा दुकानों और वितरकों को आदेश दिया है कि ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप की बिक्री और वितरण तुरंत रोका जाए।
यह मामला न केवल फार्मा कंपनियों की लापरवाही को उजागर करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि गुणवत्ता नियंत्रण में कमी आने से मासूम ज़िंदगियाँ किस तरह खतरे में पड़ सकती हैं।