19 अप्रैल को सुबह लगभग 08:15 बजे, मकालू अभियान दल के पांच सदस्यों ने चोटी पर पहुंचकर भारत का तिरंगा लहराया। इस शिखर सम्मेलन की सफलता दर 83 प्रतिशत रही, जो किसी भी पर्वतारोहण दल के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। पर्वतारोहण दल को दो समूहों में बांटा गया था, प्रत्येक में छह-छह सदस्य शामिल थे। इस दल का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट अनूप कुमार नेगी ने किया, जबकि डिप्टी लीडर की भूमिका डिप्टी कमांडेंट निहास सुरेश ने निभाई। अभियान में सहायक कमांडेंट संजय कुमार, हेड कांस्टेबल सोनम स्टोबदान, प्रदीप पंवार, बहादुर चंद और कांस्टेबल विमल कुमार जैसे साहसी जवान शामिल थे।
इस अभियान की खास बात यह रही कि कठिन मौसम और ऑक्सीजन की कमी के बावजूद जवानों ने सिर्फ चढ़ाई ही नहीं की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर पर्वतीय क्षेत्र में सफाई अभियान भी चलाया। इस दौरान उन्होंने लगभग 150 किलोग्राम कचरा इकट्ठा कर उसे नीचे लाया, जो पर्वतों पर फैलते प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साहसिक और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार पहल के लिए आईटीबीपी के जवानों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने न केवल माउंट मकालू पर विजय प्राप्त की, बल्कि राष्ट्रध्वज को वहां फहराकर भारत का गौरव भी बढ़ाया। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण की भावना के साथ 150 किलो कचरे को साफ कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस दोहरे शिखर मिशन में आईटीबीपी की टीम माउंट अन्नपूर्णा (8,091 मीटर) पर भी चढ़ाई कर रही है, जिससे यह साबित होता है कि बल के जवान न केवल सीमाओं की सुरक्षा में सक्षम हैं, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और उच्च ऊंचाई वाले अभियानों में भी वे समान रूप से प्रभावशाली भूमिका निभा सकते हैं। इस अभियान से आईटीबीपी की उच्च पर्वतारोहण क्षमताओं और उनकी पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत हुआ है।