Man Ki Baat 123वीं कड़ी: योग दिवस की भव्यता, ट्रेकोमा मुक्त भारत, आपातकाल की यादें और महिला सशक्तिकरण पर PM Modi का संबोधन

Sun 29-Jun-2025,01:20 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

Man Ki Baat 123वीं कड़ी: योग दिवस की भव्यता, ट्रेकोमा मुक्त भारत, आपातकाल की यादें और महिला सशक्तिकरण पर PM Modi का संबोधन Man Ki Baat 123वीं कड़ी: योग दिवस की भव्यता, ट्रेकोमा मुक्त भारत, आपातकाल की यादें और महिला सशक्तिकरण पर PM Modi का संबोधन
  • योग दिवस 2025 की वैश्विक भव्यता और जन-भागीदारी का उत्सव।

  • ट्रेकोमा मुक्त भारत की WHO द्वारा मान्यता प्राप्त उपलब्धि।

  • महिला सशक्तिकरण, आपातकाल की ऐतिहासिक यादें और पर्यावरण पहल।

Delhi / New Delhi :

Delhi / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 123वीं कड़ी में देशवासियों का अभिवादन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सफलता पर हर्ष जताया। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में योग ने वैश्विक आंदोलन का रूप ले लिया है। विशाखापत्तनम में तीन लाख लोगों द्वारा योगाभ्यास, आदिवासी छात्रों द्वारा 108 सूर्य नमस्कार, नौसेना जहाजों पर योग, और दिव्यांगजनों की भागीदारी ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। प्रधानमंत्री ने ‘Yoga for One Earth, One Health’ थीम को वसुधैव कुटुंबकम् की भावना से जोड़ा।

इसके बाद उन्होंने भारत की धार्मिक यात्राओं की महान परंपरा पर प्रकाश डाला और बताया कि तीर्थयात्राएं केवल श्रद्धा नहीं बल्कि सेवा और भाईचारे का भी प्रतीक हैं। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः प्रारंभ, अमरनाथ यात्रा की शुरुआत और जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे आयोजनों को भारत की विविधता में एकता का प्रतीक बताया।

प्रधानमंत्री ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किए जाने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर भी चर्चा की। WHO ने भारत की इस सफलता की सराहना करते हुए कहा कि देश ने बीमारी के मूल कारणों को भी दूर किया है। इसी तरह, ILO की रिपोर्ट के अनुसार, आज 64% से अधिक आबादी को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल रहा है — जो 2015 में केवल 25 करोड़ लोगों तक सीमित था।

उन्होंने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी की आवाज में उस समय के अन्यायपूर्ण शासन की भयावहता को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने लोकतंत्र की रक्षा की और तानाशाही को हराया।

बोडोलैंड क्षेत्र की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि वहाँ खेलों, खासकर फुटबॉल के माध्यम से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। बोडो CEM Cup में 70 हजार खिलाड़ियों की भागीदारी, जिनमें बड़ी संख्या में बेटियाँ भी थीं, आशा और एकता का प्रतीक बनी।

भारत की सांस्कृतिक विविधता की झलक मेघालय के एरी सिल्क को GI टैग मिलने के माध्यम से भी सामने आई। उन्होंने बताया कि यह अहिंसा सिल्क है, जिसे कीड़े को मारे बिना प्राप्त किया जाता है, और इसकी वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया। तेलंगाना, कर्नाटका और मध्यप्रदेश की महिलाओं द्वारा मिलेट बिस्किट, सैनिटरी पैड और ज्वार रोटी जैसे उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि Women-led Development भारत का भविष्य गढ़ रहा है।

भारत-वियतनाम सांस्कृतिक संबंधों की बात करते हुए उन्होंने भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन के लिए 1.5 करोड़ वियतनामी श्रद्धालुओं की भागीदारी का उल्लेख किया और इसे भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बताया।

पर्यावरण के क्षेत्र में पुणे के रमेश खरमाले, अहमदाबाद का ‘मिशन फॉर मिलियन ट्रीज’, और पाटोदा गाँव की ‘कार्बन न्यूट्रल पंचायत’ जैसी पहलों की सराहना की। उन्होंने प्रकृति की रक्षा को आने वाली पीढ़ियों के लिए ज़रूरी बताया।

अंत में, प्रधानमंत्री ने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के मिशन की ओर संकेत किया और कहा कि अगले एपिसोड में इसकी विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने 1 जुलाई को डॉक्टर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दिवस की बधाई देते हुए सभी को विदा ली।