श्री नारायण गुरु–गांधी संवाद शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक संबोधन

Wed 25-Jun-2025,10:50 AM IST +05:30

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श्री नारायण गुरु–गांधी संवाद शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक संबोधन श्री नारायण गुरु की शिक्षाओं से प्रेरित आत्मनिर्भर और समावेशी भारत की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी का संदेश"
  • श्री नारायण गुरु–गांधी संवाद की शताब्दी पर प्रधानमंत्री का संबोधन।

  • शिक्षा, संगठन और सेवा के मंत्र को आधुनिक भारत से जोड़ा।

  • महिला सशक्तिकरण और जनकल्याण योजनाओं को गुरु की प्रेरणा बताया।

Delhi / New Delhi :

Delhi / प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक मुलाकात की शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए इस क्षण को देश के लिए गौरवपूर्ण और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि यह संवाद स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने वाला था, जिसने सामाजिक समानता, सेवा और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत किया।

प्रधानमंत्री ने श्री नारायण गुरु को सत्य, सेवा और सद्भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका जीवन समाज के शोषित, वंचित और दलित वर्गों के लिए प्रकाश-स्तंभ रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी जब वह समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए कोई निर्णय लेते हैं, तो श्री गुरु का स्मरण करते हैं।

श्री मोदी ने श्री नारायण गुरु की शिक्षा, संगठन और उद्योग आधारित दर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि “शिक्षा से ज्ञान, संगठन से शक्ति और उद्योग से समृद्धि” – यह सोच आज भी भारत की नीतियों में परिलक्षित होती है। प्रधानमंत्री ने शारदा मठ की स्थापना को समाज के उत्थान हेतु शिक्षा को माध्यम बनाने का उदाहरण बताया।

उन्होंने कहा कि श्री नारायण गुरु ने जिस सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक उत्थान की कल्पना की थी, वही आज भारत की कार्यसंस्कृति का आधार बन रही है। उन्होंने ‘ओरु जाति, ओरु मथम, ओरु दैवम, मनुष्यम’ के श्री गुरु के मंत्र को भारतीय सभ्यता का सार बताया, जो विविधता में एकता और मानवता की समानता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने श्री गुरुदेव के अद्वैत दर्शन को ‘निवृत्ति पंचकम’ और ‘आत्मोपदेश शतकम’ जैसी रचनाओं से जोड़ते हुए कहा कि ये ग्रंथ आज भी छात्रों के लिए मार्गदर्शक हैं। उन्होंने बताया कि रमण महर्षि जैसे संत भी श्री गुरु की शिक्षाओं से प्रभावित हुए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज आर्थिक, सामाजिक और सैन्य क्षेत्र में सशक्त भारत की कल्पना को साकार करने के मार्ग पर है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने स्वदेशी हथियारों का उपयोग कर 22 मिनट में सफलता प्राप्त की — यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है।

उन्होंने महिला सशक्तिकरण, जल जीवन मिशन, पीएम आवास योजना, स्किल इंडिया जैसी योजनाओं को जन-कल्याण के आधुनिक स्वरूप बताया और कहा कि श्री नारायण गुरु के मार्गदर्शन में ये पहल समाज के अंतिम व्यक्ति को सशक्त बना रही हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, शिवगिरी मठ के संतगण, और श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट से जुड़े अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने अंत में आशा व्यक्त की कि शिवगिरी सर्किट का विकास श्री गुरु के दर्शन को देशभर में फैलाएगा और अमृत काल में भारत को एक विकसित राष्ट्र की दिशा में प्रेरित करेगा।