केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का 101 वर्ष की उम्र में निधन, तीन दिन का राजकीय शोक घोषित
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पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का 101 वर्ष में निधन।
केरल में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित।
जनप्रिय वामपंथी नेता का प्रेरणादायक राजनीतिक जीवन।
Kerala / केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वामपंथी राजनीति के प्रमुख स्तंभ वी.एस. अच्युतानंदन का सोमवार को निधन हो गया। वे 101 वर्ष के थे और लंबे समय से हृदय संबंधी और उम्रजनित बीमारियों से पीड़ित थे। उन्होंने तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। अच्युतानंदन का राजनीतिक जीवन संघर्ष, पारदर्शिता और जनकल्याण के लिए समर्पित रहा।
वी.एस. अच्युतानंदन ने 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और राज्य में दशकों तक सक्रिय राजनीति में रहे। वे न केवल एक लोकप्रिय जननेता थे, बल्कि एक प्रतिबद्ध कम्युनिस्ट विचारक भी थे जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई निर्णायक कदम उठाए। उनके नेतृत्व में केरल में कई समाज सुधार और पारदर्शी नीतियों की शुरुआत हुई।
एक स्वतंत्रता सेनानी और किसानों के हितैषी नेता के रूप में उनकी पहचान थी। वे आम लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले नेता थे। उनके निधन पर केरल सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है जो 22 जुलाई से शुरू होकर 24 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, सार्वजनिक उपक्रम और स्वायत्त निकाय बंद रहेंगे। सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए तिरुवनंतपुरम के एकेजी सेंटर में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, सीपीआई(एम) के अन्य वरिष्ठ नेता और हजारों की संख्या में आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी सहित देशभर के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भारतीय राजनीति का एक प्रेरणास्रोत बताया।
वी.एस. अच्युतानंदन के निधन के साथ ही भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया है।