बिहार चुनाव: बैकुंठपुर में दलित परिवार पर हमला, वोटिंग के बाद हिंसा से सनसनी
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Baikunthpur Dalit family attack
बैकुंठपुर में दलित परिवार पर वोटिंग के बाद हमला.
बीजेपी को वोट देने पर दबंगों द्वारा मारपीट का आरोप.
पुलिस जांच जारी, मामले ने सुरक्षा पर चिंता बढ़ाई.
Gopalganj / बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर क्षेत्र से एक बेहद चिंताजनक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यह मामला न सिर्फ हिंसा का है, बल्कि चुनावी स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधे हमले जैसा है। जानकारी के मुताबिक, वोट डालकर लौट रहे दलित परिवार के तीन सदस्यों पर बेरहमी से हमला किया गया। हमलावरों ने कथित तौर पर उनसे पूछा कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया, और जैसे ही पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट दिया है, उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया।
यह घटना सिधवलिया थाना क्षेत्र के बुचेया गांव में हुई है। घायलों में 28 वर्षीय मानेश राम, उनके पिता छट्ठू राम और भाई बलम राम शामिल हैं। ये तीनों दलित बस्ती के निवासी हैं। मानेश राम ने बताया कि वे शाम को मतदान केंद्र पर वोट डालकर जैसे ही घर लौट रहे थे, कुछ दबंगों ने रास्ता रोक लिया और उनसे वोटिंग को लेकर पूछताछ की। जैसे ही उन्होंने मतदान की जानकारी दी, उनके ऊपर अचानक हमला कर दिया गया।
पीड़ितों ने गांव के अखिलेश यादव, विशाल यादव और उनके पिता सहित लगभग आधा दर्जन लोगों पर हमले का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हमलावर उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बना रहे थे क्योंकि उन्होंने राजद को वोट नहीं दिया था। मानेश राम और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं।
हमले के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत घायलों को सिधवलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुँचाया, जहाँ उनकी प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर उन्हें गोपालगंज सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रेफर कर दिया गया। रात होते-होते स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि भाजपा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी स्वयं अस्पताल पहुँचे और उन्होंने घायलों व परिवारवालों से बात कर उनका हाल जाना।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हुआ। गोपालगंज के एसडीपीओ राजेश कुमार ने पूरी घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मतदान समाप्त होने के बाद तीन स्थानों—बैकुंठपुर थाना के बंगरा, महम्मदपुर थाना के देवकुली और सिधवलिया थाना के बुचेया गांव—में मारपीट की घटनाएं दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि घायलों से लिखित शिकायत ली जा रही है और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह पूरी घटना बिहार में चुनावी माहौल को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। चुनाव का उद्देश्य नागरिकों को स्वतंत्र रूप से अपनी पसंद का नेता चुनने का अधिकार देना है, लेकिन इस तरह की राजनीतिक हिंसा लोकतंत्र के मूल स्वरूप पर आघात करती है। खासकर जब किसी परिवार को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जाए क्योंकि उन्होंने अपनी पसंद की पार्टी को वोट दिया—ऐसा माहौल बेहद खतरनाक है।
यह भी ज़रूरी है कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए, ताकि आने वाले चरणों में लोग भयमुक्त होकर मतदान कर सकें। लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब हर नागरिक बिना डर और दबाव के अपना वोट डाल सके।