यह प्रतिनिधिमंडल 2 और 3 नवंबर को बिहार की जमीन पर उतरकर भारत की चुनावी प्रणाली को करीब से देखने और समझने आया है। ये राजनयिक जापान, इंडोनेशिया, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, भूटान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के दूतावासों और उच्चायोगों के प्रतिनिधि हैं। ये सिर्फ औपचारिक दौरे पर नहीं हैं, बल्कि बिहार के वास्तविक चुनावी माहौल, बूथ स्तर की रणनीतियों, जनता से जुड़ने के तरीके और राजनीतिक दलों की कार्यशैली को गहराई से समझने की कोशिश कर रहे हैं।
यह पूरा दौरा बीजेपी के जनसंपर्क अभियान “भाजपा को जानें” के तहत आयोजित किया गया है, जिसकी शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विदेशी राजनयिकों को बीजेपी की संगठनात्मक शक्ति, कैडर-आधारित कार्यप्रणाली, चुनाव प्रबंधन और डिजिटल कैंपेनिंग से परिचित कराना है। इसके साथ ही, भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली की पारदर्शिता और उसकी विशाल चुनावी प्रक्रिया का अनुभव कराना भी इस यात्रा का मुख्य मकसद है।
अपने दो दिनों के प्रवास में यह प्रतिनिधिमंडल पटना, नालंदा और गया के कई महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेगा। यहां उन्हें विभिन्न तरह की चुनावी गतिविधियों को देखने का मौका मिलेगा—जैसे रैलियां, नुक्कड़ सभाएं, जनसंवाद कार्यक्रम, और बूथ-स्तरीय प्रबंधन। इससे वे यह समझ पाएंगे कि एक बड़ी राजनीतिक पार्टी मतदाताओं तक कैसे पहुंचती है, क्या रणनीतियां अपनाती है, और किस तरह बड़े पैमाने पर चुनाव कैंपेन को संभालती है।
बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी इस प्रतिनिधिमंडल को पार्टी के डिजिटल कैंपेन, सोशल मीडिया रणनीति, बूथ मैनेजमेंट, वालंटियर नेटवर्क और ग्राउंड-level ऑपरेशन्स के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। खास बात यह है कि यह दौरा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग (6 नवंबर) से ठीक कुछ दिन पहले हो रहा है, इसलिए इन्हें चुनावी माहौल का वास्तविक और जीवंत अनुभव मिलेगा।
यह पहली बार नहीं है जब विदेशी प्रतिनिधिमंडल भारत की चुनावी प्रक्रिया को समझने आया हो। इससे पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों के दौरान भी ऐसे ही दौरे करवाए गए थे। भारत का चुनाव प्रबंधन दुनिया में सबसे बड़े और सबसे जटिल लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में गिना जाता है। लाखों बूथ, करोड़ों मतदाता और हजारों उम्मीदवार—फिर भी पूरी व्यवस्था पारदर्शिता और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित की जाती है। यही वजह है कि भारत की चुनावी प्रणाली दुनिया के कई देशों के लिए मॉडल के रूप में उभर रही है।
कुल मिलाकर, यह दौरा न सिर्फ विदेशी राजनयिकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि बिहार की राजनीति और बीजेपी के चुनावी कैंपेन के लिए भी एक खास अवसर है। इस यात्रा से भारत की लोकतांत्रिक बुनियाद और चुनावी मजबूतियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बेहतर समझ और पहचान मिलेगी।